हरित दुनिया बनाने के प्रयास में चीन और भारत का योगदान सर्वाधिक

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वाशिंगटन, 12 फरवरी (हि.स.)। वैश्विक धारणा के ठीक विपरीत दुनिया को हरा भरा बनाने के प्रयास में भारत और चीन अग्रणी हैं। यह खुलासा नासा के अध्ययन से हुआ है।

नासा ने अपना यह अध्ययन रिपोर्ट सोमवार को जारी किया। इसमें कहा गया है कि आज दुनिया 20 साल पहले की तुलना में ज्यादा हरित है। नासा का यह अध्ययन उपग्रह चित्रों के विश्लेषण पर आधारित है।

अध्ययन टीम के नेतृत्व करने वाले बोस्टन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ची चेन ने कहा, “ हरित दुनिया बनाने की कोशिश में चीन और भारत का योगदान एक तिहाई है। हालांकि उनके इस प्रयास से दुनिया के सिर्फ 9 प्रतिशत भू-भाग ही हरे हुए हैं। ”

उन्होंने आगे कहा कि यह जानकारी आश्चर्यजनक है,क्योंकि यह आम धारणा है कि अत्याधिक आबादी वाले देशों में अधिक उपयोग की वजह से भूमि उर्वरता घट गई है।

उल्लेखनीय है कि यह अध्ययन रिपोर्ट 11 फरवरी को ‘नेचर’ पत्रिका में प्रकाशित हुई। इसके मुताबिक, चीन और भारत में हरियाली प्रतिमान आश्चर्यजनक रूप से प्रमुख हैं । यह हरियाली प्रतिमान दुनिया भर में फसल के साथ परस्पर व्याप्त है।

रिपोर्ट के मुताबिक, हरित चीन बनाने के प्रयास में 42 प्रतिशत जंगल और 32 प्रतिशत फसलों का योगदान है, जबकि भारत में 82 प्रतिशत फसल भूमि हरित है और जंगल का योगदान केवल 4.4 प्रतिशत है।

उल्लेखनीय है कि चीन ने जंगल विस्तारीकरण, भूमि के संरक्षण, वायु प्रदूषण कम करने और जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए महत्वाकांक्षी कार्यक्रम शुरू किया है। यही वजह है कि वहां हरियाली बढ़ी है। वैसे भारत और चीन में खाद्यान्न के उत्पादन में 35 प्रतिशत हुई है जो मुख्यत: फसल क्षेत्र में वृद्धि और वैाज्ञानिक ढंग से खेती करने के कारण हुई है।


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