कुम्भ :अन्तिम स्नान पर फिर उमड़ा जन सैलाब, अखाड़ों ने किया वसंत ऋतु का स्वागत
कुम्भनगरी (प्रयागराज), 10 फ़रवरी (हि.स.) । कुम्भनगरी में रविवार को वसंत पंचमी के दिन तीसरा शाही स्नान है। तीसरे शाही स्नान पर भी संगम तट पर जन सैलाब उमड़ आया है। अंतिम स्नान कर अखाड़ों वसंत ऋतु का स्वागत किया। संगम में स्नान के बाद ज्यादातर लोग पीले वस्त्र पहनकर वसंत ऋतु का करते नजर आ रहे हैं।
पौराणिक भारत में पहले लोग पूरे साल में होने वाले मौसम को अलग-अलग तरह कई भागों में बांट देते थे। उन्हीं मौसम में लोगों को सबसे ज्यादा पसंद आने वाला मौसम वसंत ऋतु होती थी। इस मौसम की शुरुआत से ही ठण्ड कम होने लगती है, आसमान में बादल भी अलग घटा के साथ अलग रंग बिखेरते नजर आते हैं। सुगन्धित हवा से पूरा जान जीवन खुशहाल हो जाता है। फूलों में बैठने वाली तितलियाँ भी दिखाई देने लगती हैं । इस दिन सरस्वती की पूजा की जाती है। ज्यादातर लोग पीले वस्त्र पहनकर वसंत ऋतु का स्वागत भी करते हैं। मान्यता है सभी शाही स्नान पर पहले अखाड़े स्नान करते हैं फिर अन्य श्रद्धालु।
कुम्भनगरी में दो शाही स्नान हो चुके हैं पहला 15 जनवरी को मकर संक्रांति को पहला शाही स्नान हुआ था जिसमें करोङो लोगों ने स्नान किया था। वहीं 4 फ़रवरी को मौनी अमावस्या का स्नान था जिसमे सबसे जयादा पांच करोड़ से भी ज्यादा लोगों ने स्नान किया था। 10 फ़रवरी दिन रविवार को होने वाले इस तीसरे शाही स्नान पर भी संगम तट की ओर जन सैलाब एक दिन पहले से ही उमड़ आया था। अनुमान लगाया जा रहा है कि आज भी कई करोड़ श्रद्धालु स्नान करेंगे।
कुम्भनगरी में आये श्रद्धालुओं में अन्य शाही स्नानों से अगर कुछ अलग था तो वो उनके वस्त्र। आज के दिन ज्यादा से ज्यादा लोग पीले वस्त्र पहने नजर आ रहे थे। इस दिन माँ सरस्वती की पूजा होती है। ऐसा माना जाता है कि माँ सरस्वती को पीले वस्त्र पसंद है। तो उन्हीं को खुश करने के लिये सभी ये रूप में दिखने लगे है ।
सभी अखाड़ों में अपनी तैयारी में कोई कोरी कसर नहीं छोड़ी। सबसे अच्छी यात्रा संगम तट पर जाये इसके लिये पालकी सज गईं घोड़ों को भी दुल्हन की तरह सजाया गया। फूलों से पूरे नागा और संत नजर आयें। इस स्नान से ही सभी अखाड़े वसंत ऋतु का आवाहन करेंगे।