कैट ने एफडीआई पॉलिसी को लेकर सरकार से की अमेजन की शिकायत

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नई दिल्ली  (हि.स.)। कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स(कैट) ने अमेजन पर अपनी कम्पनी प्रिओंन में हिस्सेदारी कम करके क्लाउडटेल को अपनी ग्रुप कम्पनी से अलग रखने की कोशिश का आरोप लगाया है। कैट का आरोप है कि एफडीआई पॉलिसी को तोड़-मरोड़कर अपने हिसाब से निष्कर्ष निकालने का अमेजन का यह नया पैंतरा है। कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु को एक पत्र भेजकर इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने गुरुवार को कहा कि यह सरासर बेईमानी है और कैट इसके खिलाफ वाणिज्य मंत्रालय में शिकायत करेगा। व्यापारी मांग करेगा कि मंत्रालय अमेजन के इस नापाक इरादे को देखते हुए पॉलिसी को स्पष्ट करे कि प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से कोई कम्पनी किसी भी वेंडर में हिस्सेदारी ेगी।
अफसोस की बात है कि अमेज़न जैसी कंपनियां पॉलिसी की भाषा को अपने हिसाब से पढ़ते हुए सरकार की पॉलिसी जारी करने की मंशा के खिलाफ काम कर रही है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि ये कंपनियां इस काम में मास्टर हैं।
भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा कि अमेजन जैसी कंपनियां आदतन अपने लाभ और स्वार्थ के लिए पॉलिसी के खिलाफ काम करती हैं। कैट ने अमेजन के इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि पॉलिसी को अपने लाभ के घुमाया जाना बेहद शर्मनाक है और इसे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
कैट ने आज केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु को एक पत्र भेजकर अमेजन की कवायद से अवगत कराते हुए इस मामले में उनके तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है। कैट का कहना है कि यदि अमेजन इस प्रकार से पॉलिसी का उल्लंघन करने में सफल हो जाता है तो अन्य कंपनियां भी पीछे नहीं रहेगी। इस तरह सारा ई-कॉमर्स बाज़ार विषाक्त हो जाएगा और सरकार एवं उसकी नीति एक मजाक बन कर रह जाएगी। कैट ने कहा कि इस मुद्दे पर वो पहले वाणिज्य मंत्रालय को शिकायत कर उचित कदम उठाने की मांग करेगा और जरूरत पड़ने पर न्यायालय जाने से भी पीछे नहीं हटेगा।


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