अंतर्राष्ट्रीय पेट्रोलियम पाइप लाइन पर लगा ग्रहण

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छपरा, 06 फरवरी (हि.स.) । एक हजार करोड़ रुपये की लागत से भारत – नेपाल के बीच बिछायी जा रही अंतरराष्ट्रीय पेट्रोलियम पाइप लाइन परियोजना पर रंगदारी का ग्रहण लग गया है। तीसरे दिन बुधवार को भी इस परियोजना का निर्माण कार्य बाधित रहा । सारण जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के तेनुआ गांव में पेट्रोलियम पाइप लाइन बिछाने के काम में लगी कंपनी से पूर्व मुखिया ने 50 लाख रुपये की रंगदारी की मांग की है। रंगदारी नहीं देने पर कर्मचारियों की पिटाई कर दी गयी तथा काम-काज बाधित कर दिया। गंभीर रूप से घायल कर्मचारी को सदर अस्पताल में उपचार के बाद पीएमसीएच पटना रेफर कर दिया गया। मारपीट की घटना सोमवार को हुई थी और उसी दिन से कामकाज बाधित हो गया है ।
मंगलवार की सुबह इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के उप निदेशक उत्कर्ष मिश्रा ने सदर अस्पताल पहुंचकर घायल कर्मचारी से मुलाकात की और उसका हाल-चाल जाना और चिकित्सकों की सलाह पर बेहतर उपचार के लिए घायल कर्मचारी को पीएमसीएच पटना ले जाया गया। एडाॅन कंपनी के कर्मचारी पाइप लाइन बिछाने के लिए सर्वेक्षण का काम कर रहे थे । इसी दौरान पूर्व मुखिया ने कर्मचारियों के साथ मारपीट की । इस घटना के बाद से पाइप लाइन बिछाने का काम बाधित हो गया है। इस घटना की सूचना मिलने के बाद एडॉन कंपनी तथा इंडियन ऑयल कारपोरेशन के अधिकारियों की टीम छपरा पहुंची और पूरे मामले की जानकारी ली। इंडियन आयल कारपोरेशन के उप निदेशक तथा एडाॅन कंपनी के संतोष कुमार ने पुलिस अधीक्षक से मिलकर घटना के बारे में पूरी जानकारी दी । इस बीच पुलिस ने रंगदारी मांगने के आरोपी पूर्व मुखिया पिन्टू कुमार के भाई मदन राय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया । रंगदारी मांगने तथा कर्मचारियों के साथ मारपीट करने के आरोप में मुफस्सिल थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस मामले में पूर्व मुखिया समेत तीन लोगों को नामजद किया गया है ।
इंडियन आयल कारपोरेशन के उप निदेशक श्री मिश्रा ने बताया कि एसपी से मिलकर कार्य स्थल पर सुरक्षा मुहैया कराने का अनुरोध किया गया है। वहां तनाव का माहौल है । कर्मचारी काफी भयभीत हैं ।
भारत- नेपाल के बीच पटना के बिहटा से छपरा- मोतिहारी- बैतालपुर होते हुए नेपाल तक इंडियन ऑयल कार्पोरेशन की ओर से अंतरराष्ट्रीय पेट्रोलियम पाइप लाइन बिछायी जा रही है । उप निदेशक श्री मिश्रा ने बताया कि इसके माध्यम से भारत से नेपाल को पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति की जाएगी। यह परियोजना वर्ष 2014 से चल रही है। करीब 1000 करोड़ रुपए की इस परियोजना का काम सारण जिला को छोड़कर बाकी जगह पर पूरा कर लिया गया है । उन्होंने बताया कि इसके लिए अधिकतम 18 मीटर चौड़ा तथा कम से कम 9 मीटर चौड़ा कैरीडोर बनाने के लिए जमीन की जरूरत है। इसके लिए कंपनी के द्वारा जमीन की कीमत की 10 प्रतिशत राशि मुआवजा के रूप में पहले देने का प्रावधान था। नये भूमि अधिग्रहण कानून के तहत अब जमीन की कीमत का 40 प्रतिशत मुआवजा दिया जाता है जिस भूमि पर इंडियन आयल कारपोरेशन के द्वारा पेट्रोलियम पाइप लाइन कारीडोर बनाया जाता है, उसका स्वामित्व भूमि मालिक के पास ही रहता है और उसका उपयोग इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन करती है । साथ ही उस पर कुछ काम को केवल प्रतिबंधित किया जाता है। जैसे मकान नहीं बनाना और गहरी खुदाई का काम नहीं करना आदि शामिल है। उस भूमि पर किसान खेती कर सकते हैं। बाद में भी पाइप लाइन की मरम्मत के दौरान फसलों की क्षति होने पर कंपनी द्वारा मुआवजा का भुगतान करने का भी प्रावधान है । सारण जिले में भी इंडियन ऑयल कार्पोरेशन द्वारा पाइप लाइन के लिए भूमि की कीमत की चालीस फीसदी राशि मुआवजा के रूप में दी जा रही है।
पुलिस अधीक्षक हरकिशोर राय ने बताया कि निर्माण कंपनी के अधिकारियों को पूर्ण सुरक्षा उपलब्ध करायी जायेगी । इस महत्वाकांक्षी परियोजना के निर्माण में बाधा उत्पन्न करने वालों को बख्शा नहीं जायेगा ।


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