चिटफंड कंपनियों का आरबीआई या सेबी से पंजीकृत होना जरूरी

0

 नई दिल्ली, 4 फरवरी (हि.स.)। शारदा चिटफंड घोटाले लेकर देश का राजनीतिक माहौल गर्म है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी धरने पर बैठी हैं। आज केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ममता बनर्जी व उनकी राज्य पुलिस के खिलाफ गुहार लगाएगी। इसलिए चिटफंड कंपनी (गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां) के नियमन को लेकर कानून को जानना जरूरी है। खासकर बंगाल में तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने कई कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई भी की है।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई एक्ट 1934 की धारा 45-1 ए के मुताबिक कोई भी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी बिना आरबीआई के पंजीकरण प्रमाण-पत्र के अपने कारोबार की शुरुआत नहीं कर सकती है। इसके लिए उस कंपनी के पास दो करोड़ रुपये की राशि का होना जरूरी है। हालांकि कुछ कंपनियां जैसे वेंचर कैपिटल फंड, मर्चेंट बैंकिंग कंपनी, स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी आरबीआई के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं। लेकिन उन्हें भी सेबी (सिक्यूरिटीज एंड स्टॉक एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) से अनुमति लेना जरूरी है। गैर बैंकिंग कंपनी या चिटफंड कंपनी को आरबीआई एक्ट के मुताबिक पंजीकरण के लिए कंपनी एक्ट 1956 की धारा के अंतर्गत भी पंजीकृत कराना होगा|
उल्लेखनीय है कि आरबीआई के मुताबिक पश्चिम बंगाल में लगभग 200 अवैध कंपनियां काम कर रही हैं। हालांकि आरबीआई को इसकी जानकारी राज्य के ही मुख्य सचिव बासुदेव बनर्जी की अध्यक्षता वाली कमेटी से ही मिली थी। यह जानकारी सीबीआई, सेबी व अन्य देश की एजेंसियों को भी दी गई थी।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *