सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मविवि में बहाल 22 प्राचार्यों की पोस्टिंग की सुगबुगाहट

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गया,02 फरवरी (हि.स.)। मगध विवि में नियुक्ति में भ्रष्टाचार के आरोप में हटाए गए 22 प्राचार्यों की पोस्टिंग की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मगध विवि सिंडिकेट ने 06 सितंबर 2018 की आपात बैठक तत्कालीन कुलपति प्रो कमर अहसन की अध्यक्षता में उनके आवासीय कार्यालय में हुई थी। बैठक के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मगध विवि ने अपने वेबसाइट पर 22 प्राचार्यों की सूची अपलोड कर उसे जारी कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 21 अगस्त को सुनवाई के बाद मगध विवि के एडवोकेट को सीलबंद लिफाफा में प्राचार्य बहाली संबंधी पैनल की सूची सौंपी थी। सुनवाई के दौरान उक्त लिफाफा सौंपते हुए 15 दिनों में उसे क्रियान्वित करने का निर्देश दिया था। इन प्राचार्यों की नियुक्ति संबंधी प्रक्रिया 2008 में कुलपति बीएन पांडेय के कार्यकाल में शुरू हुई थी। मगध विवि का अब बंटवारा भी हो चुका है। ऐसे में पोस्टिंग की प्रक्रिया के बाद विवाद बढ़ सकता है।
डा सतीश चंद्रा, डा शम्शुल इस्लाम, डा अर्जुन शर्मा, डा राज कुमार मजूमदार, सत्येंद्र प्रजापत, गणेश महतो, डा एक्यू अंसारी, मीरा कुमारी, जितेंद्र रजक, विजय रजक, डा फूलो पासवान, विनोद कुमार, डा जयशंकर प्रसाद, अरुण कुमार रजक, डा शैलेश कुमार श्रीवास्तव, डा तपन कुमार शांडिल्य, जावेद अशरफ, डा कुमार राजीव रंजन, डा नवीन कुमार, डा महेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव, डा दीपक कुमार, डा मेघन प्रसाद के नाम सूची में हैं। दूसरी ओर,डा सुनील सुमन, डा सुशीला दास, डा राजेश शुक्ल, डा आनंद कुमार सिंह, डा जवाहर प्रसाद सिंह, डा ओम प्रकाश, डा पीके वर्मा पूर्व की मेरिट सूची के आधार पर कार्यरत थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जो सीलबंद लिफाफा दिया उसके खुलने पर उसमें इनके नाम नहीं मिले।
नियुक्ति रद्द करने के कारण
कम शैक्षणिक योग्यता वाले को अधिक अंक देने, सेलेक्शन पैनेल में मनमानी सहित अन्य आरोप लगाए गए थे। जांच में पता चला है कि एकेडमिक काउंसिल को 10 एक्सपर्ट के नामों को अनुशंसित करना था लेकिन नाम की अनुशंसा न करते हुए कुलपति को इसका अधिकार दे दिया। सीनियर मोस्ट प्राचार्य के बदले पैनल में छठे स्थान पर रहे गया कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य डा श्रीकांत सिंह को सदस्य मनोनीत कर लिया गया था।
वहीं, विवि द्वारा जारी नामों में डा एक्यू अंसारी के नाम पर लोगों को आपत्ति है। डा अंसारी शिक्षकेत्तर संवर्ग के बताए जा रहे हैं। वर्तमान में वे प्राचीन इतिहास विभाग में क्यूरेटर हैं।


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