वेनेजुएला में संवैधानिक संकट, नेता प्रतिपक्ष जुआन गाइडो ने खुद को राष्ट्रपति घोषित किया

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वाशिंगटन, 24 जनवरी (हि.स.)| दक्षिणी अमेरिका में वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मदुरो ने अमेरिका के साथ राजनयिक संबंध विच्छेद कर उसके राजनयिकों को अगले 72 घंटों में देश छोड़ने के आदेश दिए हैं। मदुरो ने राष्ट्रपति निवास से जनता के नाम संबोधन में कहा कि वह वाशिंगटन के निरंतर हस्तक्षेप से तंग आ चुके हैं। उन्होंने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह पर्दे के पीछे वेनेजुएला पर शासन करना चाहता है। इसके जवाब में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने निकोलस मदुरो के निर्देशों को मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने जवाब में कहा है कि अमेरिका उन्हें एक वैध राष्ट्रपति के रूप में मान्यता नहीं देता। उनका सरोकार सीधे अब प्रतिपक्ष के नेता जुआन गाइडो से होगा, जिन्होंने सुबह खुद को अंतरिम राष्ट्रपति होने की घोषणा की है। इससे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मदुरो की सरकार को अवैधानिक बताते हुए चेतावनी दी थी कि वेनेजुएला की जनता से किसी तरह की ज़्यादतियां की गई तो अमेरिका को मजबूरन सामने आना होगा। उन्होंने कहा कि वह वेनेजुएला की राष्ट्रीय एसेंबली को ही वैध मानते हैं। इसलिए प्रतिपक्ष के नेता जुआन गाइडो को राष्ट्रपति के रूप में मान्यता देते हैं। इस घोषणा के बाद दोनों देशों के बीच मौजूदा कड़वाहट और बढ़ गई है। ट्रम्प ने बुधवार को प्रतिपक्ष के युवा नेता जुआन गाइडो के कारकास में खुद को अंतरिम राष्ट्रपति घोषित किए जाने के मात्र आधा घंटा पश्चात उन्हें मान्यता दिए जाने की घोषणा की थी। अमेरिकी मान्यता मिलने के बाद देखते ही देखते दक्षिण अमेरिकी देशों में ब्राजील, कोलंबिया और पेरू ने भी गाइडो को वैध राष्ट्रपति के रूप में स्वीकार करते हुए उन्हें मान्यता दे दी। यही नहीं, राष्ट्रपति निकोलस मदुरो के खिलाफ देशभर में आंदोलन खड़ा हो गया। राष्ट्रीय एसेंबली के अध्यक्ष गाइडो ने बुधवार की सुबह कारकास में भारी जन समूह के बीच घोषणा की थी कि जब तक निकोलस मदुरो की सरकार को अपदस्थ नहीं किया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा| हालांकि मदुरो के पक्ष में भी कुछ लोग सामने आए, पर उनकी संख्या इतनी कम थी कि गाइडो को और आक्रामक होने का अवसर मिल गया। प्रदर्शन में तेरह लोगों के मरने की सूचना है। गाइडो ने देश की सेना से भी आग्रह किया है कि वे मदुरो के आदेशों की अवहेलना करें। मदुरो सरकार में रक्षा मंत्री ने गाइडो की स्वयंभू राष्ट्रपति बनने की घोषणा की निंदा की है। मदुरो को इस माह के प्रारंभ में दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई गयी थी। अमेरिका और वेनेजुएला के बीच तनातनी अंतिम चरण में पंहुच गई है| क्रूड आयल में धनी होने के बावजूद देश में महंगाई, भ्रष्टाचार, बिजली संकट और अर्थ व्यवस्था के रसातल में जाने के बावजूद निकोलस मदुरो ने दूसरी बार राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। इस चुनाव में प्रतिपक्ष ने चुनाव का बहिष्कार किया था। 


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