राकेश अस्थाना के लिए बनाया गया महानिदेशक नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो का पद!
नई दिल्ली,19 जनवरी (हि.स.)। गुजरात कैडर के विवादित आईपीएस अफसर राकेश अस्थाना को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते सीबीआई के विशेष निदेशक पद से हटा तो दिया गया, लेकिन उनको और ऊंचे, महानिदेशक, नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो के पद पर नियुक्त कर दिया गया। वह भी मात्र उनके लिए दो वर्ष के लिए नागरिक विमानन मंत्रालय का निदेशक का पद अपग्रेड करके। सूत्रों के अनुसार सीबीआई में विशेष निदेशक पद पर रहते कई मामलों की जांच में राकेश अस्थाना पर करोड़ों रुपये घूस लेने और केस दबाने का छह आरोप लगे हैं। इस पर उनके विरूद्ध एफआईआर तबके सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के आदेश पर दर्ज किया गया है। इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय में राकेश अस्थाना के विरूद्ध मुकदमा भी चल रहा है। अस्थाना ने अपने विरूद्ध लगे भ्रष्टाचार व घूसखोरी के आरोपों को रद्द करने का आग्रह किया था, लेकिन न्यायालय ने उसे रद्द नहीं किया। इस बारे में संबंधित मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अचरज यह है कि जो सीबीआई अफसर अस्थाना के विरूद्ध लगे घूसघोरी व भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहे थे उनको कम महत्व के पदों पर तबादला किया गया है। कहा जा रहा है कि कम महत्व पर स्थानान्तरित किये गये अफसर पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के विश्वासपात्र रहे हैं। इसलिए उनके साथ ऐसा किया जा रहा है। इनमें से अस्थाना के केस की पड़ताल करने वाले संयुक्त निदेशक अरूण कुमार शर्मा को सीआरपीएफ में अतिरिक्त महानिदेशक पद पर तथा उत्कृष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक पाये मनीष कुमार सिन्हा को ब्यूरो आफ पुलिस रिसर्च एंड डवलपमेंट में भेज दिया गया है। मनीष कुमार सिन्हा उन अफसरों में से हैं जिनका, सरकार द्वारा सीबीआई मुख्यालय में सीबीआई प्रमुख का कमरा सील करने की चर्चित 23-24 अक्टूबर 2018 की आधी रात वाली घटना के कुछ घंटे बाद तबादला किया गया था। इस तरह आधी रात को किये गये अपने तबादले के विरूद्ध मनीष कुमार सिन्हा ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने गंभीर आरोप लगाये हैं। इसमें से एक व्यवसायी द्वारा राकेश अस्थाना तथा एक केन्द्रीय मंत्री पर सीबीआई जांच केस सेटल कराने के लिए करोड़ों रुपये लेने का लगाया आरोप भी है। यह भी आरोप है कि अस्थाना के विरूद्ध जांच में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हस्तक्षेप कर रहे थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण एजेंसी बोगस जांच कर रही है और इन्फोर्समेंट डाइरेक्टोरेट तो एक्सटार्शन डाइरेक्टोरेट हो गया है। इस बारे में सर्वोच्च न्यायालय के वकील बी.एस.बिल्लौरिया का कहना है कि सिन्हा ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करके जिस तरह के आरोप अस्थाना व अन्य पर लगाये हैं वह बहुत ही गंभीर है। यदि उसकी ईमानदारी व पारदर्शी तरीके से जांच हो जाये तो बहुत कुछ उजागर हो जाएगा। सीबीआई में तमाम महत्वपूर्ण केस की जांच कर रहे मनीष कुमार सिन्हा का तबादला ब्यूरो आफ पुलिस रिसर्च एंड डवलपमेंट जैसे कम महत्वपूर्ण विभाग में करने से यह संकेत जा रहा है कि उनको किनारे लगाया गया है। इसी तरह अन्य कई अफसरों के साथ भी किया गया है। जबकि, जिस अफसर राकेश अस्थाना पर कई गंभीर आरोप लगे हैं, उनको सिविल एवियेशन सेक्युरिटी चीफ का पोस्ट मात्र इनके लिए और अपग्रेड करके उस पर दो वर्ष के लिए नियुक्त कर दिया गया। वकील बी.एस. बिल्लौरिया का कहना है कि इससे क्या संकेत जा रहा है, आप खुद ही सोच सकते हैं। इस बारे में पूर्व सांसद हरिकेश बहादुर का कहना है कि सीबीआई की जो भद्द हो रही है, उसके एक महत्त्वपूर्ण कारण अस्थाना भी हैं। उनको जितना बचाने की कोशिश हो रही है उतना ही रायता बिखरता जा रहा है। इससे उनको बचाने वाले,उनको आउट ऑफ वे जाकर अच्छे पद पर तैनात करने वाले की और केन्द्र सरकार की छवि खराब हो रही है। इसके कारण बहुत से ईमानदार, कर्मठ आईपीएस,आईएएस अफसरों का मनोबल गिर रहा है।