अफगानिस्तान में शांति और सुरक्षा की जिम्मेदारी भारत, पाकिस्तान और रूस ले :ट्रम्प

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वाशिंगटन, 05 जनवरी (हि.स.)| राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अफगानिस्तान से वह अपनी सेना वापस बुलाने के लिए तैयार हैं, बशर्ते भारत, पाकिस्तान और रूस वहां पर शांति और सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाएं। उन्होंने कहा कि जब अमेरिका आतंकवाद से लोहा लेने के लिए छह हजार मील दूर अपनी सेना तैनात कर सकता है, तो फिर एक पड़ोसी देश होने के कारण पाकिस्तान, भारत और रूस यह जिम्मेदारी क्यों नहीं लेना चाहते?
अमेरिकी मीडिया के अनुसार ट्रम्प ने हाल में अपने मंत्रिमंडल की बैठक में कहा था कि पिछले 17 वर्षों से अमेरिका अफगानिस्तान में अपने हजारों जवानों के साथ-साथ अरबों डालर व्यय कर रहा है, जबकि मित्र देश सौ-दो सौ सैनिक भेज कर अपनी जिम्मेदारियां निभाना चाहते हैं| अफगानिस्तान में अमेरिका के आज भी चौदह हजार सैनिक हैं। यह अमेरिका के प्रति न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे क्या कारण थे कि तत्कालीन सोवियत संघ अफगानिस्तान में सुरक्षा देते-देते कंगाल हो गया था और फिर अंतत: उसे भागना पड़ा था। पियु रिसर्च सेंटर के एक सर्वे के हवाले से भी कहा गया है कि 49 प्रतिशत अमेरिकी मान बैठे हैं कि अफगानिस्तान में शांति व्यवस्था के लिए और अधिक संसाधन लगाने का कोई औचित्य नहीं रह गया है।
अफगानिस्तान और सीरिया में अमेरिकी सेनाओं की वापसी के कड़े विरोधी सिनेटर लिंडसे ग्राहम भी यह कहने लगे हैं कि अब वक़्त आ गया है कि अमेरिकी सेनाओं की एक साथ वापसी की बजाए धीरे-धीरे घर वापसी होनी चाहिए।


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