वार्षिकी 2019 : झारखंड के सियासी दलों में कहीं खुशी, कहीं गम

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड में सरकार बनी और रघुवर दास की अगुवाई वाली भाजपा सरकार की विदाई।



रांची, 31 दिसम्बर (हि.स.)। वर्ष 2019 में झारखंड कई अहम राजनीतिक घटनाओं का गवाह बना। भाजपा और कांग्रेस में इस साल कई घटनाएं हुईं। लोकसभा चुनाव की बाजी भाजपा के हाथ रही तो साल के अंत में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस- झामुमो और राजद गठबंधन की जीत हुई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड में सरकार बनी और रघुवर दास की अगुवाई वाली भाजपा सरकार की विदाई।

2019 की प्रमुख घटनाएं

लोस चुनाव में एनडीए, विस चुनाव में महागठबंधन की जीत  

लोकसभा चुनाव में भाजपा दोबारा प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई, इसमें झारखंड का भी महत्वूर्ण योगदान है। भाजपा ने आजसू गठबंधन के साथ झारखंड में चुनाव लड़ा। एनडीए झारखंड में 14 में 12 सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब रहा। वहीं, करीब छह महीने बाद हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में जनता के सर्जिकल स्ट्राइक में भाजपा के कई दिग्गज निपट गये। लोकसभा चुनाव में जहां लगता था कि विपक्ष नाम की कोई चीज नहीं है, विधानसभा चुनाव में तमाम विपक्षी पार्टियों ने एकजुट होकर भाजपा सहित निर्दलियों व आजसू व झाविमो का सूपड़ा साफ कर दिया। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार बनी। हेमंत सोरेन ने 29 दिसंबर को शपथ ली।

हटाए गए डॉ.अजयरामेश्वर को मिली कांग्रेस की कमान

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर दो गुटों में बंटी और संगठन में जारी घमासान को थामने के लिए डैमेज कंट्रोल के तहत डॉ. अजय की बलि दी गई। कांग्रेस आलाकमान ने एक पूर्व आईपीएस अधिकारी के हाथों से कमान लेकर दूसरे रामेश्वर उरांव को कमान सौंप दी। साथ में पांच कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति भी साथ में की।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस महागठबंधन के तहत सात सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें किसी भी तरह सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल कर सकी। राज्य की सिंहभूम लोकसभा सीट ही कांग्रेस पार्टी की झोली में गई। इस सीट पर अभी हाल ही में कांग्रेस में आईं गीता कोड़ा ने जीत दर्ज की जबकि पार्टी के बड़े-बड़े दिग्गज धराशायी हो गए। इनमें सुबोधकांत सहाय, सुखदेव भगत, कीर्ति आजाद, मनोज यादव, गोपाल साहू और कालीचरण मुंडा शामिल हैं।

कोलेबिरा उपचुनाव में बिखरा विपक्षी गठबंधन

झारखंड में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के पहले कोलेबिरा उपचुनाव में विपक्षी महागठबंधन की एकता दरक गयी थी। महागठबंधन के दो प्रमुख घटक झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस, कोलेबिरा विधानसभा उपचुनाव को लेकर शुरू से ही अलग राग अलाप रहे थे। झारखंड पार्टी (झापा) के विधायक एनोस एक्का की सदस्यता समाप्त होने के तुरंत बाद झामुमो ने कोलेबिरा उपचुनाव में अपना उम्मीदवार देने की घोषणा कर दी थी। इसी बीच झारखंड पार्टी ने कोलेबिरा उपचुनाव में एनोस की पत्नी मेनन को उम्मीदवार घोषित कर दिया था।

आजसू-भाजपा की 19 साल पुरानी दोस्ती टूटी

लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद भाजपा को देश के कई राज्यों में हुए चुनाव में जहां जोरदार झटका लगा। वहीं, सियासी सहयोगियों ने भी दूरी बना ली। महाराष्ट्र के बाद झारखंड में भी भाजपा को झटका लगा। राज्य में कई दिनों के सियासी उठापटक बाद विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा और आजसू का गठबंधन टूट गया। विधानसभा सीटों के बंटवारे को लेकर समझौता नहीं होने पर 19 साल पुरानी दोस्ती टूट गई और गठबंधन बिखर गया। भाजपा ने पहले ही 52 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिये। इसके बाद भी आजसू नेता सुदेश महतो ने भाजपा शीर्ष नेताओं से लगातार बात की पर कुछ सीटों को लेकर पेंच फंसता गया और आखिरकार आजसू ने 12 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारकर भाजपा को सकते में डाल दिया।

रघुवर के खिलाफ जीते सरयू राय

रघुवर सरकार में मंत्री रहे और भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले सरयू राय ने अपना टिकट होल्ड पर रखे जाने के कारण बगावती तेवर अपना लिया और मुख्यमंत्री को खुली चुनौती दे दी। सरयू राय ने अपनी जमशेदपुर पश्चिमी सीट छोड़कर मुख्यमंत्री के खिलाफ जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव लड़ने का ऐलान कर भाजपा को सकते में डाल दिया। सरयू राय ने रघुवर दास को 15 हजार सात सौ 25 वोट से हरा दिया।

जेपीएससी विवाद

राज्य सरकार ने झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन की छठी सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) में कट ऑफ मार्क्स कम कर दिया है। सरकार के इस फैसले का काफी विरोध हुआ। आदिवासी छात्रसंघ और आरक्षण अधिकार मोर्चा इसके विरोध में खुलकर सामने आ गये। राजनीतिक दलों ने भी सरकार के फैसले पर सदन और सड़क पर आवाज उठायी।

बकोरिया कांड पर राजनीति

बकोरिया कांड को लेकर झारखंड की राजनीति गरमायी। बकोरिया में हुये कथित पुलिस-नक्सली मुठभेड़ की सीबीआई से जांच कराने के हाईकोर्ट के बाद विपक्ष ने जहां सरकार को घेरा, वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुये सरकार का बचाव किया। पलामू जिले के सतबरवा थाना के बकोरिया गांव के पास 08 जून 2015 की रात कथित पुलिस-नक्सली मुठभेड़ हुई थी। इसमें 12 लोग मारे गये थे। मृतकों में पांच नाबालिग थे। इस मामले की जांच पहले पुलिस कर रही थी।

मॉब लिंचिंग पर बवाल

झारखंड में सरायकेला-खरसावां जिले में हुई मॉब लिंचिंग की घटना की आंच संसद तक पहुंच गयी। संसद में विपक्षी दलों के नेताओं ने इस मुद्दे को खूब हवा दी और भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की। लोकसभा चुनाव में भाजपा के हाथों मिली करारी हार के बाद विपक्ष को मॉब लिंचिंग के रूप में जैसे कोई बड़ा सियासी हथियार मिल गया। सारा विपक्ष संसद में उठ खड़ा हुआ और प्रधानमंत्री मोदी पर सांप्रदायिक ताकतों के संरक्षण का इल्जाम लगाया। इसमें 17 जून की रात सरायकेला के धातकीडीह गांव में भीड़ द्वारा तबरेज अंसारी (24) की बेरहमी से पिटाई की घटना के बाद पूरे देश में यह खबर आग की तरह फैली।

सरकार-पारा शिक्षकों में ठनी

झारखंड में पारा शिक्षकों और राज्य सरकार के बीच तनातनी भी सुर्खियों में रही। पारा शिक्षक भी आरपार की लड़ाई के मूड में आ गये। पारा शिक्षक अपनी मांगों को लेकर जहां अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए वहीं सरकार ने काम पर नहीं आनेवाले शिक्षकों को एक महीने का नोटिस देकर अनुबंध समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। पारा शिक्षकों पर लाठीचार्ज के खिलाफ विपक्ष ने सरकार को घेरा। विपक्ष ने पारा शिक्षकों पर की गई कार्रवाई को दमनकारी बताया।

पत्थलगड़ी आंदोलन

अपने जमीनी हक की मांग को बुलंद करते हुए आदिवासियों ने यह आंदोलन शुरू किया था। इसका असर हालिया विधानसभा चुनाव पर भी काफी देखा गया। माना जा रहा है कि भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। इस आंदोलन के तहत आदिवासियों ने बड़े-बड़े पत्थरों पर संविधान की पांचवीं अनुसूची में आदिवासियों के लिए प्रदान किए गए अधिकारों को लिख-लिखकर जगह-जगह जमीन के ऊपर लगा दिया। आंदोलन काफी हिंसक भी हुआ। इस दौरान पुलिस और आदिवासियों के बीच जमकर संघर्ष हुआ और आंदोलन की आग फैलती चली गई।

सरकार बनाते ही एक्शन मोड में हेमंत सोरेन ने पहली कैबिनेट की बैठक में पत्थलगड़ी मामले में देशद्रोह के 19 केस समेत 172 लोगों के खिलाफ दर्ज मामले खत्म करने का निर्णय लिया।

आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत के तहत प्रधानमंत्री मोदी ने 23 सितंबर को झारखंड की राजधानी रांची से आयुष्मान भारत की पूरे देश में शुरूआत की। झारखंड के कैंसर रोगियों के लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अस्पताल का शिलान्यास किया। इसी उद्देश्य के लिए रांची में कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की आधारशिला रखी गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरूआत झारखंड की राजधानी रांची से की।

मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने 10 अगस्त को रांची में ‘मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना’ का शुभारंभ किया। योजना के शुरू होते ही झारखंड के 13.60 लाख किसानों के खाते में 442 करोड़ रुपये पहुंच गए। किसानों को प्रति एकड़ पांच हजार रुपये की दर से डीबीटी के माध्यम से योजना की राशि भेजी गई।

क्रीड़ा भारती अधिवेशन में आये मोहन भागवत 

खेल से राष्ट्र निर्माण, चरित्र निर्माण क्रीड़ा भारती का तीसरा राष्ट्रीय अधिवेशन झारखंड के धनबाद में 30 दिसंबर को सम्पन्न हुआ। अधिवेशन के समापन समारोह में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत खेल के क्षेत्र में दुनिया का सिरमौर हो यही क्रीड़ा भारती की सोच है।

रांची यूनि. में एबीवीपी ने लहराया परचम

रांची विश्वविद्यालय छात्रसंघ के चुनाव में सर्वाधिक सीटों पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) समर्थित प्रत्याशियों ने जीत दर्ज कर कैंपस में भगवा दबदबा कायम किया।

 


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