सीएएः सीमा पार बैठे आतंकी संगठनों की पटकथा पर हो रहे हिसंक प्रदर्शन !

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पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठनों ने एक महत्वपूर्ण संदेश साझा किया है, जिसमें आतंकियों को वारदात को अंजाम देने के  साथ ही एहतियातन कुछ जरुरी सलाह भी दी गई है।



नई दिल्ली, 21 दिसंबर (हि.स.)। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर राष्ट्रीय राजधानी समेत देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे  हिंसक प्रदर्शनों के बीच खुफिया एजेंसियों को ऐसी सूचना हाथ लगी है जिससे पता चलता है कि देश विरोधी और आतंकी संगठन इस मौके का फायदा उठाने के लिए बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी में है। खुफिया एजेंसियों ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) औऱ अन्य एजेंसियों को इस बाबत जानकारी साझा कर सतर्क कर दिया है। खुफिया एजेंसियों को यह सूचना ऐसे वक्त हाथ लगी है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को रामलीला मैदान में एक विशाल जनसभा को संबोधित करने वाले हैं।
खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों से ‘हिन्दुस्थान समाचार’ को मिली जानकारी के मुताबिक, राजधानी दिल्ली समेत देश के अन्य हिस्सों में, खासकर उत्तर प्रदेश-बिहार में चल रहे विरोध प्रदर्शनों को उग्र और हिंसक बनाने के लिए व्हॉट्सअप, ट्विटर, फेसबुक समेत अन्य सोशल मीडिया प्लटेफार्मों का इस्तेमाल किया जा रहा है। कुछ ऐसे पुराने वीडियो भी वायरल किए जा रहे जिनका सीएए विरोध प्रदर्शनों से कोई मतलब ही नहीं । हालांकि, इन प्रदर्शनों को  उग्र नाने वाले उपद्रवियों के बारे में जांच टीमें पता लगाकर उनकी धड़पकड़ कर रही है ।
सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को अफवाहों के जरिये भडक़ाने और उनको आर्थिक सहायता देकर प्रदर्शन को और ज्यादा उग्र रूप देकर दहशत बनाए रखने में आतंकी ग्रुपों का लिंक निकलकर सामने आ रहा है। सूत्रों के अनुसार एजेंसियों को कुछ व्हाट्सअप ग्रुपों के बारे में जानकारी मिली है । इस बाबत साइबर सेल सक्रियता से काम कर रही है और उत्तर प्रदेश, केरल, कर्नाटक, गुजरात समेत कई राज्यों के साइबर क्राइम और साइबर सेल के संपर्क में रह कर सूचनाएं साझा कर रही है।
खुफिया एजेंसियों को जो सूचनाएं मिली हैं उसके मुताबिक,  पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठनों ने एक महत्वपूर्ण संदेश साझा किया है, जिसमें आतंकियों को वारदात को अंजाम देने के  साथ ही एहतियातन कुछ जरुरी सलाह भी दी गई है। मसलन, प्रदर्शन के वक्त वे (आतंकी) हेलमेट पहनकर और एसिड बोतलों को लेकर निकलें, जिससे वह अपनी और अपने भाईयों की सुरक्षा कर सके। आंदोलन को खत्म नहीं सीएए को खत्म कराना है। नहीं तो वह यहां पर उनको रहने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
कुछ ऐसे भी मैसेज सामने आए हैं, जिसमें उनके बैंक खातों के बारे में जानकारी ली जा रही है। जिससे दंगा भडक़ाने में आने वाले सामान को लाया जा सके।
सूत्रों का कहना है कि व्हट्सअप,फेसबुक और इंस्टाग्राम पर फर्जी नाम से ये ग्रुप चलाए जा रहे हैं । जिनके बारे में साइबर क्रॉइम की टीमें काम कर रही है और गूगल कंपनी से भी सहायता ली जा रही है। कई लोगों के बारे में पता चला है कि वे भारत के बाहर के रहने वाले हैं। सुरक्षा एजेसिंयों को सोशल मीडिया पर कुछ संदिग्ध कोडवर्ड में बातचीत होती भी मिली है। जिनके बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
 सूत्रों का कहना है कि जिन-जिन जगहों के बारे में उनको शक था। उनमें से काफी जगहों पर इन कोडवर्ड पर इस्तेमाल होना सामने आया है। दंगों को बाहरी देश की ताकतें हवाला का पैसा उन तक पहुंचाकर सहायता कर रही है। ऐसा कहना गलत भी नहीं होगा। उनका कहना है कि दिल्ली में होने वाले प्रदर्शन को उग्र बनाने से ऐसे ग्रुपों का प्रचार इंटरनेशनल लेवल पर ज्यादा बढ़ेगा। ऐसे में साइबर क्रॉइम की टीमें व्हाट्सअप ग्रुपों र नजर बनाए हुए हैं। जिन र कुछ  मेंम्बर उन्हीं फुटेज को अपलोड कर रहे हैं जिसमें प्रदर्शनकारियों को पीटा जा रहा है या फिर प्रदर्शनकारी पुलिस और सरकार को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए नजर आ रहे हैं।

 


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