आजाद भारत में पहली बार होगी चार दोषियों को फांसी

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मेरठ जिला कारागार का जल्लाद पवन इन दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए बेकरार है।



मेरठ, 12 दिसम्बर (हि.स.)। निर्भया केस के दोषियों को फांसी की सजा देने की तिहाड़ जेल में तैयारियां चल रही है। पवन जल्लाद की मानें तो आजाद भारत के इतिहास में पहली बार चार लोगों को एक साथ फांसी पर लटकाया जाएगा। मेरठ जिला कारागार का जल्लाद पवन इन दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए बेकरार है।
 उसका कहना है कि फांसी की यह सजा समाज के दुश्मनों के लिए एक सबक होगी। दिल्ली के चर्चित निर्भया केस के चार दोषी इस समय तिहाड़ जेल में बंद है। इन सभी को फांसी की सजा पर मुहर लग चुकी है। अब केवल तारीख का इंतजार किया जा रहा है। तिहाड़ जेल प्रशासन इन दोषियों को फांसी देने की तैयारियों में जुटा है। देश में अब केवल दो जल्लाद यूपी के लखनऊ और मेरठ जेल में मौजूद है। लखनऊ का जल्लाद इलियास इस समय बीमार चल रहा है। ऐसे में मेरठ जेल के पवन जल्लाद द्वारा ही इन चारों को फांसी देने की संभावना बन गई है।
पहली बार चार लोगों को होगी फांसी
मेरठ की कांशीराम आवासीय काॅलोनी में रहने वाले पवन जल्लाद का कहना है कि आजाद भारत में चार लोगों को एक साथ पहली बार फांसी होगी। इस प्रकार से यह लम्हा देश के इतिहास में दर्ज हो जाएगा। इससे पहले दो-दो लोगों को एक साथ फांसी दी जा चुकी है। वह खुद अपने हाथों से निर्भया के दोषियों को फांसी देना चाहता है। अगर उसे बुलाया गया तो इससे ज्यादा खुशी की कोई बात नहीं होगी।
दादा से सीखा फांसी का ककहरा
आधुनिक समय में जल्लाद बनने के लिए कोई युवा तैयार नहीं है। पवन जल्लाद की अगली पीढ़ी भी जल्लाद बनने को राजी नहीं है। पवन ने फांसी लगाने का जज्बा अपने दादा कल्लू जल्लाद से सीखा। पवन बताते हैं कि उसके दादा कल्लू जल्लाद देश की विभिन्न जेलों में जाकर फांसी देते थे। उन्होंने इंदिरा गांधी के हत्यारों और मशहूर रंगा-बिल्ला को फांसी दी थी। उनसे ही सीखकर पवन ने भी जल्लाद बनने की ठानी। अपने दादा के साथ वह पांच लोगों को फांसी दिलवा चुके हैं।
पहली फांसी का इंतजार कर रहे पवन
भले ही यूपी में केवल दो जल्लाद ही रह गए हो, लेकिन अब फांसी की सजा कम होने के कारण पवन जल्लाद अपनी पहली फांसी का इंतजार कर रहे हैं। पवन का कहना है कि अपने दादा के सहायक के तौर पर तो वह पांच फांसी देने में शामिल रहे, लेकिन स्वतंत्र तौर पर वह पहली फांसी का इंतजार कर रहे हैं। वह दुआ कर रहे हैं कि निर्भया के दोषियों को फांसी देने के लिए उन्हें बुलाया जाए।
आर्थिक तौर पर कर रहे संघर्ष
पवन जल्लाद को सरकार से केवल पांच हजार रुपए प्रतिमाह का वेतन प्राप्त होता है। इतनी छोटी से रकम में वह गुजारा नहीं कर पाते। पांच बेटियों और दो बेटों के पिता पवन का कहना है कि आर्थिक संकट से निपटने के लिए उसका वेतन बढ़ाकर 20 हजार रुपए किया जाना चाहिए। पेट भरने के लिए उसे कपड़ा बेचने का काम करना पड़ रहा है। उसके पिता मम्मू जल्लाद और परदादा लक्ष्मण सिंह भी मशहूर जल्लाद रह चुके हैं।

 


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