लंदन, 11 दिसम्बर (हि.स.)। भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में भारतीय सरकारी बैंकों के एक समूह ने भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ एक बार फिर ब्रटेन के उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। इन बैंकों ने तकरीबन 1.145 अरब पाउंड का कर्ज न चुकाने के आरोप में दिवालिया घोषित करने का आदेश देने की एक बार फिर अपील की है।
लंदन में उच्च न्यायालय की दिवाला शाखा में जज माइकल ब्रिग्स ने इस सप्ताह सुनवाई की। वह बैंकों की 2018 की उस याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं जिसमें अब बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के कर्ज की भरपाई करने की कोशिश की जा रही है।
उच्च न्यायालय ने पहले एक फैसले में दुनियाभर में माल्या की संपत्ति के लेन-देन पर प्रतिबंध लगाए जाने के आदेश को पलटने से इनकार कर दिया था और भारत की एक अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा था। इसके तहत 13 भारतीय बैंकों का समूह तकरीबन 1.145 अरब पाउंड के कर्ज की भरपाई करने के लिए अधिकृत है।
इसके बाद बैंकों ने संपत्ति जब्त करने के आदेश के तौर पर भरपाई की कवायद शुरू की। इसी के तहत कर्ज की भरपाई करने के लिए ब्रिटेन में माल्या की संपत्ति को जब्त करने की अपील करते हुए दिवाला याचिका दायर की।
भारतीय स्टेट बैंक के अलावा बैंकों के इस समूह में बैंक ऑफ बड़ौदा, कॉरपोरेशन बैंक, फेडरल बैंक लिमिटेड, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, आईडीबीआई बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और जेएम फाइनेंशियल एसेट रिकंसट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।