चित्तोर (आंध्र प्रदेश), 10 दिसम्बर (हि.स.)। पीएसएलवी-सी48 के प्रक्षेपण से पूर्व भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. के सिवन ने मंगलवार सुबह तिरुपति बालाजी मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने पीएसएलवी-सी48 के मॉडल को भगवान को समर्पित कर सफलता की कामना की। इस प्रक्षेपण के माध्यम से देश के सबसे नये जासूसी उपग्रह आरआईएसएटी-2बीआर1 के साथ चार देशों के नौ उपग्रहों का प्रक्षेपण किया जाएगा।
इस मौके पर पत्रकार वार्ता में डॉ. सिवन ने बताया कि बुधवार को होने वाले पीएसएलवी-सी48 के प्रक्षेपण की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। यह प्रयोग ऐतिहासिक होगा। यह पीएसएलवी के वाहन के जरिये 50वां और श्रीहरिकोटा से 75वां प्रयोग होगा। उन्होंने बताया कि मंगलवार दोपहर बाद इस प्रक्षेपण की उलटी गिनती शुरू होगी।
डॉ सिवन ने बताया कि इसरो पीएसएलवी -सी48 को 11 दिसंबर को भारतीय समयानुसार 3.25 बजे लॉन्च करेगा। यह उपग्रह मुख्यरूप से बल्बनुमा पेलोड फेयरिंग की विशेषता से लैस है, जिसमें आरआईएसएटी- 2बीआर1 और नौ अन्य उपग्रह हैं। इस उपग्रह को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। इस उपग्रह में इजराइल, इटली व जापान का एक-एक और अमेरिका के छह उपग्रह होंगे। इस उपग्रह के जरिए इस्राइल के तीन स्कूली छात्रों के डिजाइन कियेे गयेे उपग्रह ‘डूचीफैट-3’ को भी पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया जाएगा। छात्रों के अनुसार यह एक फोटो सैटेलाइट है, जिसका काम पृथ्वी के वातावरण का अध्ययन होगा, इसका लाभ किसान को मिलेगा।
इसरो के मुताबिक रॉकेट पीएसएलवी-सी48 में आरआईएसएटी-2बीआर1 एक रडार इमेजिंग पृथ्वी निगरानी सेटेलाइट है, जिसका भार 628 किलो है। इसे 576 किलोमीटर की कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इस सेटेलाइट की उम्र 5 वर्ष की होगी।