मुंबई, 09 दिसम्बर (हि.स.)। बॉम्बे हाईकोर्ट ने शिवसेना पार्षद के हत्याकांड के जुर्म में माफिया सरगना अरुण गवली को निचली अदालत से सुनाई गई उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है। जस्टिस भूषण धर्माधिकारी और जस्टिस स्वप्रा जोशी की बेंच ने यह फैसला सुनाया।
शिवसेना पार्षद कमलाकर जामसंडेकर और सदाशिव सुर्वे के बीच संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। इसी वजह से सदाशिव सुर्वे ने कमलाकर जामसंडेकर की हत्या के लिए 30 लाख रुपये की सुपारी अरुण गवली को दी थी। शिवसेना पार्षद जामसंडेकर की हत्या दो मार्च 2007 को हुई थी। मुंबई पुलिस ने इस मामले में अरुण गवली को 2008 में गिरफ्तार किया था। मुंबई की एक विशेष अदालत ने महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोक एक्ट) के तहत अगस्त 2012 में अरुण गवली समेत 12 लोगों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनायी थी। गवली पर 14 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया था। गवली सहित अन्य दोषियों ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। गवली इस समय नागपुर की जेल में सजा भुगत रहा है।