नई दिल्ली, 07 दिसम्बर (हि.स.)। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का अनशन शनिवार को पांचवें दिन भी जारी रहा। स्वाति ने शाम को राजघाट से इंडिया गेट तक विशाल कैंडल मार्च निकाला। इसमें महिलाओं के साथ ही बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हुए। हालांकि पुलिस ने बैरिकेड लगाकर मार्च को इंडिया गेट से पहले ही रोक दिया।
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में हुई दर्दनाक घटना की पीड़ित की मौत की खबर सुनकर स्वाति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तुरंत फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट गठित कर दोषियों को सज़ा दिलाने की अपील की। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि स्वाति सच्ची निष्ठा और श्रद्धा के साथ अपनी जान जोखिम में डालकर महिलाओं के लिए सदैव काम करती आई हैं। उनके द्वारा शुरू किए गए ऐसे अनशन को जहां पूरे देश का समर्थन मिल रहा है वहीं केंद्र सरकार के कानों पर ‘जू’ भी नहीं रेंग रही है। संजय सिंह ने आश्वासन दिया कि सोमवार से संसद के दोनों सदनों में स्वाति की मांगों को उठाने के लिए वह स्वयं और अन्य दल के नेताओं से बात करेंगे और इन मांगों को सरकार तक पहुंचाने के लिए पूरा दबाव बनाएंगे। उन्होंने स्वाति से अनशन खत्म करने की भी अपील की, लेकिन स्वाति ने देश में एक कड़ा कानून बनने तक अनशन जारी रखने की बात कही। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने भी स्वाति का समर्थन किया। उन्होंने सरकार से मांगों पर विचार करने की अपील की। शरद यादव ने स्वाति को अपनी सेहत का ध्यान रखने के लिए भी कहा और उनके संघर्ष की सराहना की।
कैंडल मार्च का नेतृत्व खुद स्वाति मालीवाल ने किया। हजारों की तादाद में लोगों ने हाथ में मोमबत्ती और “उन्नाव के दुष्कर्मियों को फांसी दो” लिखी तख्तियां लेकर इंडिया गेट तक मार्च किया। मार्च में शामिल लोगों ने उन्नाव की पीड़ित को एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी और सरकार से आरोपितों को जल्द से जल्द सजा दिलाने की मांग की। स्वाति ने दुख जताते हुए कहा कि आज हमारे आंदोलन से देशभर के लाखों-करोड़ों लोग जुड़ रहे हैं, लेकिन फिर भी सरकार की तरफ से कोई भी प्रतिनिधि इन मांगों पर बात करने नहीं आया। उन्होंने कहा कि वह अपना अनशन किसी भी हाल में तोड़ने वाली नहीं हैं जब तक इस देश में एक ऐसा सिस्टम नहीं बनाया जाएगा जिसमें दुष्कर्मियों को छह महीने के अंदर फांसी दी जाएगी।
स्वाति को निर्भया की मां का भी समर्थन
अनशन में शामिल होकर अपना समर्थन देने निर्भया की मां आशा देवी भी राजघाट पहुंचीं। आशा देवी ने कहा कि जहां एक तरफ वो स्वाति के अनशन का समर्थन करती हैं वहीं उन्हें ये भी दुख है कि स्वाति को इस प्रकार अपनी सेहत से खिलवाड़ करना पड़ रहा है। उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि आज सात साल बाद भी उनकी बेटी को न्याय नहीं मिला। उन्होंने कहा कि स्वाति जो पिछली बार अनशन पर बैठी थीं तब देश में एक कानून तो बना दिया गया लेकिन आज तक एक भी दुष्कर्मी को फांसी नहीं दी गई, ना जाने ऐसे कितने अनशन स्वाति को करने पड़ेंगे जिसके बाद दुष्कर्मियों को फांसी होनी शुरू होगी।
सोशल मीडिया पर “खाली थाली अनशन” हुआ वायरल
सोशल मीडिया पर “खाली थाली अनशन” के नाम से एक कैंपेन भी वायरल हो रहा है। इसमें लोग स्वाति के अनशन को अपना समर्थन देने के लिए खाली थाली पर स्वाति के नाम अपना संदेश लिख अपना समर्थन दे रहे हैं और एक दिन का उपवास रख रहे हैं।