हैदराबाद (तेलंगाना), 06 दिसम्बर (हि.स.)। तेलंगाना के चर्चित दिशा दुष्कर्म और हत्याकांड के चारों आरोपितों को पुलिस ने शुक्रवार तड़के उसी जगह मुठभेड़ में मार गिराया जहां इन सभी ने दिशा के साथ दुष्कर्म करके उसे जिन्दा जला दिया था। यह मुठभेड़ उस समय हुई जब आरोपितों को मौका-ए-वारदात पर पूरी घटना का क्राइम सीन रीक्रिएट करने के लिए ले जाया गया था। तभी पुलिस के हथियार छीनकर इन सभी ने भागने के दौरान पुलिस पर फायरिंग कर दी। तभी पुलिस से एनकाउंटर के दौरान मार गिराया गया। दिशाकांड के बाद से ही पूरे राज्य में पुलिस के प्रति गुस्सा होने के कारण आज सुबह जब लोगों को चारों आरोपितों को मुठभेड़ में मारे जाने की खबर मिली तो चौतरफा खुशनुमा माहौल बन गया और पुलिस टीम पर फूलों की बारिश भी की गई।
पुलिस टीम के मुखिया साइबराबाद पुलिस आयुक्त सज्जनार ने शुक्रवार शाम को प्रेस वार्ता करके पूरी घटना का सिलसिलेवार ब्योरा दिया। उन्होंने बताया कि दिशाकांड के चारों आरोपितों मोहम्मद आरिफ, जोल्लु नवीन, जोल्लु शिवा, चिंताकुंटा केशवलु की सात दिन की पुलिस रिमांड 04 दिसम्बर को कोर्ट से मिली थी। इसमें चिंताकुटा किडनी से जुड़ी बीमारी से जूझ रहा था, इसलिए उसने पुलिस से डायलिसिस कराने की भी मांग की थी। पुलिस ने दो दिन तक उनसे पूछताछ करके घटना के बारे में काफी जानकारी हासिल की। उन्होंने बताया कि पूछताछ के बाद पुलिस को लगा कि इस पूरी घटना का क्राइम सीन रीक्रिएट किये जाने की जरूरत है। इसलिए शुक्रवार को तड़के पुलिस आरोपितों को शादनगर के चट्टानपल्ली लेकर गयी थी। उन्होंने बताया कि घटना का सीन रीक्रिएट करने के दौरान अचानक आरोपित मोहम्मद आरिफ ने एक पुलिसकर्मी से 9 एमएम पिस्तौल छीनी और चारों अलग-अलग दिशा में भाग निकले। इन लोगों ने पुलिस कर्मियों पर पत्थरों व लाठियों से हमला कर दिया। तभी पुलिस की जवाबी कार्रवाई में चारों आरोपितों को मार गिराया गया। आरोपितों के हमले में एक सब इंस्पेक्टर और एक कांस्टेबल घायल भी हुए। पुलिसकर्मी सब इंस्पेक्टर वेंकटेस्वर्लु और कांस्टेबल अरविन्द के सिर में चोट आने के कारण उन्हें प्राथमिक इलाज के बाद हैदराबाद के केयर अस्पताल भेज दिया गया है।
उन्होंने बताया कि यह मुठभेड़ सुबह 5.40 और 6.00 बजे के बीच हुई। पुलिस ने घटनास्थल से महिला डॉक्टर का मोबाइल फोन बरामद कर लिया है। आरोपितों ने पुलिस को दो बार गुमराह करने की कोशिश भी की।उन्होंने यह भी आशंका जताई कि मारे गए चारों आरोपित दूसरे आपराधिक मामलों में भी शामिल हो सकते हैं। इसलिये पुलिस पड़ोसी राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र के सीमावर्ती क्षेत्रों में जली हुई अवस्था में मिली महिलाओं की लाशों की जांच करेगी। उन्होंने बताया कि आरोपितों में तीन की आयु 20 वर्ष और मोहम्मद आरिफ की उम्र 26 साल थी। सभी आरोपित नारायणपेट जिले के मक्तल मंडल के निवासी हैंं। उन्होंने बताया कि सभी के शवों का पोस्टमार्टम महबूबनगर सरकारी हॉस्पिटल में कराया गया है लेकिन परिजनों ने आरोपियों के शवों को लेने से इनकार कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि 27 वर्षीय वेटनरी डाक्टर को 27 नवम्बर की रात को चार अपराधियों ने याेजना बनाकर उससे दुष्कर्म किया और फिर जला दिया। पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में शमशाबाद थाने के उप निरीक्षक एम. रवि कुमार, हेड कॉन्स्टेबल पी. वेणुगोपाल रेड्डी और ए. सत्यनारायण गौड़ को निलंबित किया गया था। डॉ. दिशा की बहन ने चारों आरोपितों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने पर कहा कि मेरी बहन को इंसाफ मिल गया है।
महिला संगठनों में दिखा जश्न का माहौल
हैदराबाद में डॉक्टर दिशा के साथ हुई हैवानियत और इस मामले में पुलिस की लापरवाही पर पूरे देश में उबाल आ गया था। सड़क से लेकर संसद तक में इस हैवानियत के खिलाफ आरोपितों की कड़ी सजा देने की मांग गूंजी थी। महिला संगठनों ने कई स्थानों पर प्रदर्शन कर आरोपितों को सार्वजनिक रूप से फांसी देने की मांग की थी। हैदराबाद की पुलिस कार्रवाई में चारों के मारे जाने के बाद पूरे राज्य में ख़ुशी का माहौल दिखा और लोगों ने मिठाई बांटकर एक तरह का जश्न मनाया। आरोपितों के एनकाउंटर की खबर मिलने पर घटनास्थल पर लोगों ने पुलिस टीम पर फूलों की वर्षा कर पुलिस के जिंदाबाद के नारे लगाये गये।
पहले भी चर्चा में रहे हैं पुलिस कमिश्नर सज्जनार
आईपीएस अफसर सज्जनार इससे पूर्व वर्ष 2008 में भी चर्चा में आये थे। जब उन्होंने वारंगल में एक लड़की पर तेज़ाब का हमला करने के तीन आरोपितों को इसी तरह मुठभेड़ में मार गिराया था। सज्जनार उस समय वारंगल ज़िले में एससपी के रूप में कार्यरत थे। साइबराबाद पुलिस के कमिश्नर वीसी सज्जनार 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। इसके अलावा मोआवादी के साथ हुई मुठभेड़ाेंं में भी कई बार सज्जानार का नाम ज़िक्र हुआ था।