स्वयंभू धर्मगुरु नित्यानंद के बारे में भारतीय दूतावासों को सतर्क किया गया

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विदेश मंत्रालय को देश की जांच एजेंसियों से कोई ऐसा अनुरोध नहीं मिला है जिसके आधार पर किसी देश से उसके प्रत्यर्पण की मांग की जाए।



नई दिल्ली, 06 दिसंबर (हि.स.)। आपराधिक मामलों में वांछित स्वयंभू धर्मगुरु नित्यानंद के बारे में दुनियाभर के भारतीय दूतावासों को सतर्क कर दिया गया है कि वे इस बात पर नजर रखें कि यह भगोड़ा किसी देश में पनाह नहीं ले सके।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने शुक्रवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि नित्यानंद कहाँ है इस सम्बन्ध में कोई निश्चित सूचना नहीं है। विदेश मंत्रालय को देश की जांच एजेंसियों से कोई ऐसा अनुरोध नहीं मिला है जिसके आधार पर किसी देश से उसके प्रत्यर्पण की मांग की जाए। विभिन्न देशों के भारतीय मिशनों से कहा गया है कि वह स्थानीय सरकारों के संपर्क में रहें ताकि वहां नित्यानंद की मौजूदगी पता लगने पर आवश्यक कार्ऱवाई की जा सके।

प्रवक्ता ने नित्यानंद द्वारा लैटिन अमेरिकी देश एक्वाडोर के किसी द्वीप पर “कैलाश” नाम वाले एक पृथक हिन्दू देश की स्थापना करने की रिपोर्ट पर कोई टिपण्णी नहीं की। उन्होंने कहा कि नित्यानंद द्वारा वेबसाइट पर देश की स्थापना करने की घोषणा हास्यास्पद है। इस पर टिप्पणी करना बेमानी है।

प्रवक्ता ने कहा कि एक्वाडोर सरकार ने नित्यानंद की वहां अथवा उसके किसी द्वीप पर नित्यानंद की मौजूदगी का खंडन किया है। एक्वाडोर के दूतावास ने एक बयान में ऐसी रिपोर्टों का खंडन करते हुए कहा था कि नित्यानंद  संभवतया लैटिन अमेरिका के एक अन्य देश हैती में अड्डा बनाने की फ़िराक में है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि नित्यानंद का वर्ष 2008 में दस साल के लिए जारी किया गया पासपोर्ट रद्द कर दिया था। नए पासपोर्ट के उसके आवेदन को भी विपरीत पुलिस रिपोर्ट के आधार पर नामंजूर कर दिया गया था। नित्यानद की किसी देश में मौजूदगी साबित होने पर उसके प्रत्यर्पण का आग्रह किया जाएगा।

नित्यानंद के खिलाफ कर्नाटक और गुजरात सहित विभिन्न राज्यों में महिलाओं का यौन शोषण करने के आपराधिक  मामले दर्ज हैं।

 


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