अहमदाबाद: नित्यानंद आश्रम को जमीन देने के मामले में मंजुला श्रॉफ, हितेन वसंत और अनिता दुआ के खिलाफ केस दर्ज

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शिकायत के अनुसार इन तीनों ने मिलकर 2010 में राज्य सरकार के समक्ष स्कूल को सीबीएसई मान्यता दिलाने के लिए गलत एनओसी प्रस्तुत की थी। सीबीएसई बोर्ड द्वारा मांगे गए दस्तावेजों में ये बातें लीक हुई हैं। 



अहमदाबाद, 30 नवम्बर (हि.स.)। नित्यानंद आश्रम को एक रुपया टोकन किराये की दर पर जमीन देने के विवाद में डीपीएस की पूर्व प्रिंसिपल अनिता दुआ, कैलोरएक्स फाउंडेशन की मंजुला श्रॉफ और हितेन वसंत शामिल थीं। उनके खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने बीती देर रात केस दर्ज किया है। जिला शिक्षाधिकारी ने तीनों के खिलाफ शुक्रवार देर रात करीब 11 बजे विवेकानंद पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार इन तीनों ने मिलकर 2010 में राज्य सरकार के समक्ष स्कूल को सीबीएसई मान्यता दिलाने के लिए गलत एनओसी प्रस्तुत की थी। सीबीएसई बोर्ड द्वारा मांगे गए दस्तावेजों में ये बातें लीक हुई हैं।
राज्य सरकार ने 2010 और 2012 में स्कूल को एनओसी नहीं दी, क्योंकि स्कूल की जमीन खेती के योग्य नहीं थी। फिर भी स्कूल ने सीधे -सीधे गलत एनओसी पेश कर दी थी। अहमदाबाद के जिला शिक्षा अधिकारी राकेश व्यास ने विवेकानंद पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई कि डीपीएस -ईस्ट स्कूल की तत्कालीन प्रिंसिपल अनिता दुआ (आरोही बंगलोज़- बोपल) ने शिक्षा विभाग के नाम पर सीबीएसई को झूठी एनओसी सौंपी थी। इस फर्जी एनओसी को असल रूप में पेश किया गया था। ग्यारह सितम्बर, 2009 को किए गए इस प्रस्ताव पर अंग्रेजी में हितेन वसंत (कैलोरैक्स फाउंडेशन-ट्रस्टी के लिए) ने हस्ताक्षर किए और 21 जनवरी, 2012 को अंग्रेजी में (कैलोरैक्स एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन-डायरेक्टर के लिए)  प्रस्ताव पर मंजुला श्रॉफ ने हस्ताक्षर कर धोखाधड़ी की। सरकार ने एनओसी मंजूर नहीं की, क्योंकि स्कूल की जमीन संस्था के स्वामित्व में नहीं थी और यह खेती योग्य नहीं थी, इस रूप में परिवर्तित नहीं किया गया था। सरकार ने स्कूल को इसका कारण भी बताया था। इसके बाद स्कूल द्वारा 2012 में फिर से सशर्त एनओसी के लिए प्रस्ताव लाया गया लेकिन सरकार ने इस बार भी अस्वीकार कर दिया।
गौरतलब है कि शुक्रवार शाम को शिक्षा विभाग के अधिकारी जब शिकायत करने थाने पहुंचे तो विवेकानंद पुलिस स्टेशन में हाई वोल्टेज ड्रामा खड़ा हो गया। पूरी घटना में जिनके खिलाफ पुलिस शिकायत का आरोप लगाया गया है, उच्च पद पर आसीन होने के कारण पुलिस भी उनके खिलाफ शिकायत लेने के लिए पक्षकार बनने को तैयार नहीं थी। हालांकि, डीईओ भी असमंजस में थे कि किसे आरोपित करार दिया जाए। डीईओ और शिक्षण विभाग के सचिव के बीच 5 घंटे की लंबी बहस के बाद देर रात 11 बजे अनिता दुआ, हितेन वसंत और मंजुला श्रॉफ के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया।

 


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