ट्रम्प अचानक पहुंचे अफगानिस्तान, कहा-तालिबान संग होगी शांति वार्ता

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ट्रम्प ने वरिष्ठ सेनाधिकारियों के साथ थैंक्स गिविंग़ के अवसर पर भोजन भी किया



लॉस एंजेल्स, 29 नवम्बर (हि.स.)। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प थैंक्स गिविंग़ के अवसर पर गुरुवार की सुबह अपने जवानों से मिलने सपत्नीक अफ़ग़ानिस्तान पहुंचे। उन्होंने अपने जवानों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ़ गनी की मौजूदगी में कहा कि तालिबान से पुन: शांति वार्ता  शुरू होगी। ट्रम्प की यह पहली अफ़ग़ानिस्तान यात्रा है। इससे पहले वह अपने जवानों से मिलने के लिए पिछले वर्ष के अंत में इराक़ की राजधानी बग़दाद जा चुके हैं।
अमेरिकी मीडिया में अफ़ग़ानिस्तान से आ रही ख़बरों के अनुसार ट्रम्प ने बेगराम सैनिक हवाई अड्डे पर कहा कि तालिबान ने फिर से शांति वार्ता प्रारंभ किए जाने का आग्रह किया है। देखना है कि क्या वास्तव में तालिबान शांति वार्ता में रुचि लेगा। इस अवसर पर ट्रम्प ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति से भी द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि तालिबान अगर वास्तव में शांति वार्ता के मूड में है तो उसे हर स्थिति में युद्ध विराम करने के लिए तैयार होना पड़ेगा। इसके अलावा तालिबान को अफ़ग़ानिस्तान के बाहर आतंकवादी अड्डों को नष्ट करना भी ज़रूरी होगा।ट्रम्प ने स्वदेश लौटने से पहले वरिष्ठ सेनाधिकारियों के साथ थैंक्स गिविंग़ के अवसर पर भोजन भी किया।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका और तालिबान के बीच पिछले एक वर्ष से हो रही शांति वार्ता को ट्रम्प ने सितम्बर, 2019 में भंग कर दी थी। हुआ यह था कि तालिबान ने काबुल में हमले के दौरान एक दर्जन सैनिकों को एक हमले में मार गिराया था, जिसमें एक अमेरिकी सैनिक भी था। इस हमले की ज़िम्मेदारी तालिबान ने ली थी। उस वक़्त तालिबानी प्रतिनिधि अंतिम चरण की बातचीत के लिए गोपनीय तौर पर अमेरिका आने वाले थे। अभी कुछ दिन पहले ही अफ़ग़ानिस्तान सरकार ने अमेरिका और आस्ट्रेलिया के दो प्राध्यापकों को तालिबान के तीन बंदियों के बदले रिहा किया था। यही नहीं, तालिबान ने भी पिछले सप्ताह दस अफ़ग़ान सनिकों को रिहा किया था। इस समय अफ़ग़ानिस्तान में 12 हज़ार अमेरिकी सैनिक है। सन् 2001 से अफ़ग़ानिस्तान में तालिबानी आतंकवादियों से जूझते हुए 2300  अमेरिकी सैनिक जान गंवा चुके हैं।

 


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