नई दिल्ली, 07 नवम्बर (हि.स.)। भारतीय रेलवे की कैटरिंग इकाई आईआरसीटीसी के साथ काम करने वाले एक निजी ठेकेदार ने केवल अग्रवाल और वैश्य समुदाय के 100 पुरुष उम्मीदवारों की भर्ती के लिए एक विज्ञापन दिया था। लैंगिक और जाति-धर्म की विशेष शर्त के चलते यह विज्ञापन गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लोगों ने इसे लेकर केंद्र की मोदी सरकार को घेरते हुए सबका साथ सबका विकास सूत्र वाक्य पर भी तंज कसा। मामले के तूल पकड़ने पर कंपनी ने मानव संसाधन (एचआर) को बर्खास्त करने के साथ ही इस त्रुटि के लिए माफी भी मांगी है।
वृंदावन फूड प्रोडक्ट्स नामक यह कंपनी आरके एसोसिएट्स के तहत काम करती है। कंपनी का मुख्यालय दक्षिणी दिल्ली के ओखला इलाके में स्थित है। यह रेलवे के लिए काम करने वाले हॉस्पिटैलिटी कॉन्ट्रैक्टर्स में से एक है। कंपनी मौजूदा समय में 100 रेलगाड़ियों में खाना बेचने का काम करती है। कंपनी ने छह नवम्बर को एक अंग्रेजी दैनिक में विज्ञापन दिया था। इसमें कहा गया था कि रेलवे फूड प्लाजा, ट्रेन कैटरिंग, बेस किचन और स्टोर मैनेजर जैसे विभागों में विभिन्न प्रबंधकीय पदों के लिए 100 पुरुषों की आवश्यकता है। कंपनी ने इसके लिए शर्त रखी कि अच्छी पारिवारिक पृष्ठभूमि, 12वीं पास और केवल अग्रवाल व वैश्य समुदाय के पुरुष अभ्यर्थी ही आवेदन कर सकते हैं।
धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव दर्शाने के कारण यह विज्ञापन गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। विख्यात कवि कुमार विश्वास और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव ने भी इसे ट्विटर पर साझा कर इसकी आलोचना की।
संजय यादव ने ट्वीट किया, रेलवे का ठेका लेने वाली वृंदावन फूड प्रॉडक्ट्स कंपनी को नौकरी हेतु 100 पुरुष चाहिए। इस कंपनी की एक महत्वपूर्ण शर्त है कि नौकरी में आवेदन करने वाले सभी लोग अग्रवाल-वैश्य समुदाय के ही होने चाहिए। इन्हें ब्राह्मण, राजपूत, दलित, पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यक और महिला स्टाफ नहीं चाहिए।
कुमार विश्वास ने ट्वीट कर लिखा, बेहद शर्मनाक सोच व कार्य। संविधान की मर्यादा को तार-तार करते इस संस्थान के विरुद्ध एक कठोर व मानक कार्रवाई सरकार के ‘सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास’ नारे को सत्य सिद्ध करेगी। जी! आशा है आप सब जो कहते रहे हैं उसे मानते भी होंगे ही। पीयूष गोयल जी, योगी आदित्यनाथ जी, गृहमंत्री अमित शाह जी। आशा है आप सब जो कहते रहे हैं उसे मानते भी होंगे।
रेल मंत्रालय ने इस मामले पर कहा कि संबंधित ठेकेदार को भविष्य में जाति, पंथ और धर्म आदि के आधार पर भेदभाव वाले विज्ञापन देने से बचने को कहा गया है। रेल अधिकारियों ने कहा कि ठेकेदार ने संबंधित मानव संसाधन (एचआर) प्रबंधक को बर्खास्त कर दिया है। वहीं आईआरसीटीसी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए ठेकेदार को नोटिस दिया है।
आरके एसोसिएट्स के एचआर डिपार्टमेंट के अरुण चौहान ने कहा कि अग्रवाल-वैश्य समुदाय वाली शर्त विज्ञापन में गलती से लिख गई है। वो ऐसा लिखवाना नहीं चाहते थे। अगले विज्ञापन में हम इसे हटा देंगे। केवल पुरुष कर्मचारियों पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि यह जॉब प्रोफाइल ऐसा है कि उसके लिए देश में जगह-जगह पर यात्रा करनी होगी। ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से हम लड़कियों को नौकरी नहीं दे रहे हैं।
वृंदावन फूड प्रोडक्ट्स ने आईआरसीटीसी को पत्र भेजकर माफी मांगी है। पत्र में कंपनी ने सफाई देते हुए कहा कि उन्हें दो विज्ञापन देने थे। इसमें से एक तो रेलगाड़ियों पर कर्मचारियों की भर्ती के लिए था, जबकि दूसरा हमारे सामाजिक कल्याण कार्य के लिए कर्मचारियों की भर्ती के लिए था। हमारा उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। उक्त विज्ञापन को जल्द ही सुधारकर फिर से प्रकाशित किया जाएगा।