मनोहर के हारे हुए मंत्रियों ने खाली किए सरकारी आवास

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हरियाणा की पूर्व मनोहर सरकार के ज्यादातर मंत्री पंजाब राजभवन के सामने वाली सडक़ पर स्थित सेक्टर-7 के एक ही मोहल्ले में रहते थे। 



चंडीगढ़, 30 अक्टूबर (हि.स.)। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान हारने वाले मंत्री अब चंडीगढ़ से विदा होने शुरू हो गए हैं। दीपावली की छुट्टियों के बाद बुधवार को पहली बार सरकारी दफ्तर खुले और कर्मचारियों ने अपने-अपने मंत्रियों का सामान लादकर उनके पैतृक आवास पर पहुंचाना शुरू कर दिया। अब इन मकानों में रंगाई-पुताई का काम होगा और सरकार द्वारा नए बनने वाले मंत्रियों को ये मकान अलाट किए जाएंगे।

हरियाणा की पूर्व मनोहर सरकार के ज्यादातर मंत्री पंजाब राजभवन के सामने वाली सडक़ पर स्थित सेक्टर-7 के एक ही मोहल्ले में रहते थे। यह भी संयोग है कि इस मोहल्ले में रहने वाले सभी मंत्री चुनाव हार गए हैं। मनोहर लाल के दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद डिप्टी सीएम तो बन गए हैं, लेकिन अभी तक मंत्रियों का चयन बाकी है। ऐसे में हारे हुए मंत्रियों ने चंडीगढ़ को अलविदा कहना शुरू कर दिया है।
मनोहर पार्ट-टू में नए मंत्रियों का चयन चार नवंबर को होगा। जिसके चलते प्रोटोकॉल विभाग ने सभी पूर्व मंत्रियों को जल्द से जल्द आवास खाली करने के निर्देश दिए हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान मनोहर सरकार के दो कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल और राव नरबीर सिंह को टिकट नहीं मिला था। पिछली सरकार में विपुल गोयल को सेक्टर-7 में 70 नंबर कोठी मिली हुई थी। बुधवार को उनकी कोठी के अंदर पीडब्ल्यूडी विभाग की गाड़ी खड़ी नजर आई। इसमें सामान ढोया जा रहा था। विपुल गोयल से थोड़ा पहले 68 नंबर कोठी हरियाणा के पूर्व समाज कल्याण मंत्री कृष्ण कुमार बेदी के पास थी। बेदी चुनाव हार चुके हैं और उनका सामान मंगलवार को ही चंडीगढ़ से निकाला जा चुका है। आज यह आवास बंद पड़ा था। अपनी हार का ठीकरा पूर्व सीपीएस श्याम सिंह राणा के सिर फोडऩे वाले पूर्व खाद्य आपूर्ति मंत्री कर्ण देव कंबोज की कोठी नंबर-72 में भी सन्नाटा पसरा नजऱ आया। सेक्टर-7 के इसी मोहल्ले में कंबोज के ठीक सामने कोठी नंबर-73 राज्य के तत्कालीन सहकारिता मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर के नाम थी। ग्रोवर के पुराने आवास पर भी आज कोई नहीं था। वहां मौजूद चौकीदार के अनुसार काफी सामान यहां से जा चुका है।
ग्रोवर के साथ वाली 75 नंबर कोठी मनोहर सरकार की एक मात्र महिला मंत्री कविता जैन के नाम अलॉट थी। उनकी कोठी के आगे से भी नेम प्लेट हटाई जा चुकी है। कविता जैन का निजी स्टाफ भी आज अपनी फाइलें समेटता हुआ नजर आया। सेक्टर-7 में ही 74 नंबर कोठी में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला रहते हैं। बराला को विधायक होने के नाते सेक्टर-3 में एमएलए फ्लैट अलॉट था। इसमें पार्टी कार्यालय चल रहा है। बताते हैं कि सेक्टर-7 वाली कोठी सीएम के राजनीतिक सचिव रहे दीपक मंगला के नाम अलॉट थी और इसमें बराला रहते थे। यहीं की कोठी नंबर-79 सूबे के परिवहन व जेल मंत्री रहे कृष्णलाल पंवार के नाम अलॉट थी। इस कोठी के बारे में यह भी धारणा है कि इसमें रहने वाला मंत्री अगला चुनाव नहीं जीत पाया। पंवार के चुनाव हारने के बाद मनहूस कोठी के नाम से मशहूर यह इमारत भी आज खाली नजर आई।

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