मिसाइल के मामले में भारत के मुकाबले पाकिस्तान बहुत पीछे

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गजनवी कोई नई मिसाइल नहीं है। यह एक दशक पुरानी मिसाइल है और इसके नए परीक्षण की भी कोई जरूरत नहीं थी।



नई दिल्ली, 29 अगस्त (हि.स.)। पाकिस्तान इन दिनों दुनिया को यह बताने में जुटा है कि उसके और पड़ोसी देश भारत के बीच कश्मीर को लेकर संबंध काफी भयावह स्थिति पर पहुंच गये हैं और दुनिया के देशों को आगे आकर मामले में हस्ताक्षेप करना चाहिए। हालांकि पाकिस्तान को उसके इन प्रयासों में कहीं से भी सफलता नहीं मिल रही है। इसी क्रम में  उसने बुधवार की देर रात में ‘गजनवी’ नामक बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है। गजनवी कोई नई मिसाइल नहीं है। यह एक दशक पुरानी मिसाइल है और इसके नए परीक्षण की भी कोई जरूरत नहीं थी। यह केवल दुनिया को और अपने मुल्क के लोगों दिखाने के लिए परीक्षण था।

पाकिस्तान हमेशा से न केवल जम्मू-कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाना चाहता है बल्कि अब सत्तारूढ़ इमरान खान की सरकार अपने लोगों का ध्यान देश की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था से भी हटाने के लिए भी इस मुद्दे का प्रयोग कर रही है। पाकिस्तान की समस्या यह है कि उसने जम्मू-कश्मीर का ने केवल एक मजहबी मुद्दा बनाकर पेश किया है बल्कि यह मुद्दा उसे अपने देश के कट्टरपंथियों के लिए भी रास आता है। भारत की सरकार द्वारा एकाएक जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने के बाद उसे नहीं समझ में आ रहा कि वह कैसे अपना पक्ष दुनिया के सामने रखे और कैसे अपने देश के लोगों को समझाए। इसीलिए वह बार-बार परमाणु बम की बात कहता है और अब उसने गजनवी का परीक्षण किया। उसने अपनी मिसाइल का नाम गजनवी भी इसीलिए रखा है कि इस आक्रांता ने भारत पर आक्रमण कर उसे लूटा।

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर आसिफ गफूर ने ट्वीट कर गजनवी मिसाइल के परीक्षण की घोषणा की। गफूर ने कहा कि पाकिस्तान ने रात में गजनवी मिसाइल का परीक्षण किया है। यह मिसाइल 290 किमी तक मार कर सकती है। कराची के नजदीक सोनमियानी से इसका परीक्षण किया गया है। पाकिस्तान ने पहले ही इस बात की घोषणा कर दी थी कि वह मिसाइल परीक्षण करने जा रहा है और उसके लिए उसने अपने वायुक्षेत्र को भी दुनिया के विमानों के बंद कर दिया था।

गजनवी चीन की एम-11 मिसाइल का ही पाकिस्तान में बदला नाम है। 1987 में चीन ने पाकिस्तान को यह मिसाइल दी थी। इसकी तुलना भारत की पृथ्वी मिसाइल से की जा सकती है जिसकी मारक क्षमता 350 किमी है। गजनवी मिसाइल को रेल और सड़क मार्ग से आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाया जा सकता है। इसमें ठोस ईंधन का इस्तेमाल किया जाता है। पाकिस्तान के पास सबसे दूरी तक मार करने वाली मिसाइल शाहीन-3 और गौरी है। शाहीन-3 2750 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है। भारत के पास अग्नि-5 मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 5200 किलोमीटर है। इस हिसाब से पाकिस्तान भारत के सामने किसी भी तरह से नहीं टिकता है।

भारत के पास छोटी से लेकर लंबी दूरी तक की कई मिसाइलें हैं। इनमें पृथ्‍वी, ब्रह्मोस और अग्नि मिसाइल प्रमुख है। अग्नि सीरीज के तहत पांच मिसाइलें तैयार की गईं। अग्नि-I की रेंज 700 किलोमीटर है। यह एक बैलिस्टिक मिसाइल है जो परमाणु बम ले जाने में सक्षम है। अग्नि-II मध्यम दूरी की मारक क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल है जिसकी रेंज 2000 से लेकर 2500 किलोमीटर तक है। यह अपने साथ परंपरागत या न्यूक्लियर वारहेड को ले जाने में सक्षम है। इसके अलावा भारत के पास ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जो 300 किलोमीटर से ज्‍यादा दूरी तक मार कर सकती है।

 


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