गया, 27 अगस्त(हि.स.)। बिहार के मात्र चार जिला अति नक्सल प्रभावित इलाकों की सूची में शामिल हैं जबकि पड़ोसी झारखंड के 13 जिले अति नक्सल प्रभावित इलाकों में शुमार हैं । इनमें बिहार के सीमावर्ती झारखंड के चतरा, हजारीबाग, पलामू, गिरीडीह सहित गढ़वा, लातेहार, खूंटी, गुमला एवं अन्य जिले हैं। नक्सली अब पहाड़ और जंगलों में सिमट कर रह गए हैं।
आईजी, अभियान सुशील एम खोपडे सोमवार को नई दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में सम्पन्न उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के साथ उपस्थित थे।
आईजी अभियान श्री खोपडे के अनुसार अभी मात्र चार जिले बिहार में अति नक्सल प्रभावित इलाकों की सूची में शामिल हैं। इनमें मगध प्रमंडल के गया और औरंगाबाद जिला हैं ।साथ ही जमुई और लखीसराय जिला अति नक्सल प्रभावित जिलों की सूची में शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि पूर्व में अति नक्सल प्रभावित जिलों में नवादा और बांका जिला था जो अब अति नक्सल प्रभावित जिलों की सूची से बाहर हो गए हैं ।
सोमवार को संपन्न उस उच्च स्तरीय बैठक में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर “हिंदुस्थान समाचार” से कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हेलीकॉप्टर की मांग पर कहा कि एक मुख्यमंत्री के द्वारा उठाए गए विषय पर सरकार के स्तर पर निर्णय लिया जाता है। ऐसे में बिहार के मुख्यमंत्री की मांग को गंभीरता से लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि बिहार कैडर के तीन वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस फिलवक्त केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर हैं। इनमें गया के जिलाधिकारी रहे और वर्तमान में झारखंड कैडर के आईएएस राजीव गौबा गृहसचिव हैं । बिहार कैडर के आईपीएस प्रवीण वशिष्ठ गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव हैं । बिहार कैडर के आईएएस साकेत गृहमंत्री अमित शाह के पीएस हैं । ऐसे में बिहार सरकार की मांग पर सकारात्मक पहल की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।