ग्रामीण बंगाल ने दिया मोदी का साथ, कोलकाता में दीदी का जलवा बरकरार

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जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जन्मभूमि पर  भारतीय जनता पार्टी कमल खिलाने में सफल रही है। भाजपा ने राज्य की 42 में से 18 सीटों पर कब्जा जमा लिया है जबकि 8 विधानसभाओं में हुए उपचुनाव में से 4 पर जीत दर्ज की है। 3 पर तृणमूल और एक पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया है।



कोलकाता, 24 मई (हि.स.)।  जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जन्मभूमि पर  भारतीय जनता पार्टी कमल खिलाने में सफल रही है। भाजपा ने राज्य की 42 में से 18 सीटों पर कब्जा जमा लिया है जबकि 8 विधानसभाओं में हुए उपचुनाव में से 4 पर जीत दर्ज की है। 3 पर तृणमूल और एक पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया है। इस नतीजे ने वाकई पूरे देश को चौकाया है। इस  जीत से प्रदेश में भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं में गजब का उत्साह है तो सत्तारूढ़ तृणमूल के अधिकतर सीटों पर जीत दर्ज करने के बावजूद ममता बनर्जी के खेमे में मायूसी छाई हुई है। वजह है 2014 में 34 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली पार्टी इस बार 22 पर सिमट गई है। भारतीय जनता पार्टी को 40% से ज्यादा मत मिला है जो सत्तारूढ़ तृणमूल को परेशान करने वाली बात है। हालांकि अगर चुनाव परिणाम के आंकड़ों पर गौर करें तो पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर  से अछूता रहा है। कोलकाता और आसपास का क्षेत्र दीदी के साथ रहा है जबकि ग्रामीण बंगाल ने खुलकर भाजपा को वोट दिया  है। राजधानी  और  आसपास के पांच निर्वाचन क्षेत्रों – कोलकाता उत्तर, कोलकाता दक्षिण, जादवपुर, दमदम और बारासात (जिसमें साल्ट लेक भी शामिल है) में तृणमूल अपना दबदबा कायम रखने में सफल रही है  । हालांकि इन सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के मत प्रतिशत  में बढ़ोतरी हुई । जादवपुर में  बीजेपी ने 2014 लोकसभा चुनावों में अपने 12.2% वोट शेयर में  वृद्धि कर  28% वोट हासिल किए। यहां सीपीएम का वोट शेयर 36% से घटकर 21% हो गया हैै। 2014 के लोकसभा चुनावों में इन सभी सीटों पर सत्ता-विरोधी या मोदी समर्थक भावनाओं के संकेत बढ़ रहे थे। कोलकाता दक्षिण और कोलकाता उत्तर   सीटों पर 2014 में भाजपा ने 25% वोट हासिल किए थे। इस बार कोलकाता दक्षिण में भाजपा का वोट प्रतिशत 34.3% और कोलकाता उत्तर में 36.5% हो गया है। जिन 18 सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमाया है उनमें से अधिकतर जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने नतीजों पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “हमने उम्मीद से ज्यादा वोट हासिल किए. वो जो कहते थे कि हम सभी 42 सीटों पर जीत हासिल करेंगे, वो अब क्या कहेंगे? लोगों ने उन्हें माकूल जवाब दिया है। मैं कह सकता हूं कि सिर्फ बीजेपी ही नहीं अन्य पार्टियों के समर्थकों ने भी हमें वोट दिया।” बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी को 2014 लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार 12 सीटों का नुकसान हुआ। वहीं बीजेपी ने पिछले चुनाव में जीती 2 सीटों के मुकाबले इस बार 18 सीट झटक कर शानदार कामयाबी हासिल की है। खास बात यह है कि चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ताल ठोक कर दावा किया था कि पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी को एक भी सीट नहीं मिलेगी जबकि तृणमूल कांग्रेस को राज्य की सभी 42 सीटों पर कब्जा जमाने की बात उन्होंने की थी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने ममता के उसी बयान का जिक्र किया है।


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