बहुत याद सताएगी लोकतंत्र के मंदिर की : सुमित्रा महाजन

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नई दिल्ली, 03 मई (हि.स.)। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा है कि संसदीय कार्यकाल उनके जीवन का अहम हिस्सा है और 17वीं लोकसभा का सदस्य न होने पर उन्हें संसद और संसदीय कार्यों की बहुत याद आएगी।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शुक्रवार को संसद के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर 17वीं लोकसभा के सदस्यों के स्वागत की तैयारियों की समीक्षा की। इसके बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि नए सदस्यों के स्वागत के लिए संसद की तैयारी जोरों पर है। संवाददाताओं द्वारा पूछे जाने पर कि वह तीन दशकों से, आठ बार की सांसद हैं और नई लोकसभा का हिस्सा न हो पाने पर वह संसद को कितना मिस(याद) करेंगी। इसके जवाब में महाजन ने कहा कि संसदीय कार्यकाल उनके जीवन का हिस्सा है। उन्होंने कनिष्ठ सांसद से लेकर अध्यक्ष पद तक का अनुभव प्राप्त किया है। आशा है संसद भी उनके कार्यों के कारण उन्हें मिस करेगी और वह तो इस मंदिर को हमेशा मिस करेंगी।
उल्लेखनीय है कि सुमित्रा महाजन ने इस बार आम चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया, जिस कारण वह नई लोकसभा का हिस्सा नहीं बन पाएंगी। महाजन ने आठ बार मध्य प्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट का संसद में प्रतिनिधित्व किया है।
महाजन ने बताया कि उन्होंने सत्रहवीं लोकसभा में आने वाले नए सदस्यों के स्वागत के लिए सभी विभागों के प्रमुखों के साथ बैठक की और नई सभा के सदस्यों के दिल्ली आने, उनके ठहरने, संसद भवन में उन्हें संसदीय कार्य के लिए जरूरी जानकारी, प्रशिक्षण पुस्तकें व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के बारे में अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारी की समीक्षा की।

 


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