ईवीएम में वीवीपीएटी का इस्तेमाल : 21 विपक्षी दलों ने दायर किया जवाबी हलफनामा

0

नई दिल्ली, 07 अप्रैल (हि.स.)। आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान ईवीएम में 50 फीसदी वीवीपीएटी के इस्तेमाल की मांग को लेकर दायर याचिका पर 21 विपक्षी दलों ने निर्वाचन आयोग के हलफनामे का जवाब देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल किया है। विपक्षी दलों ने कहा है कि 50 फीसदी वीवीपीएटी पर्चियों का ईवीएम से मिलान स्वच्छ चुनाव के लिए जरूरी है। विपक्षी दलों ने कहा है कि इससे नतीजे घोषित करने में 6 दिन का समय लग जाए तो भी ठीक है। इससे लोगों का देश के चुनाव प्रक्रिया में भरोसा कायम होगा। आपको बता दें कि इस मामले पर कल यानि 8 अप्रैल को सुनवाई होनी है।

पिछले 1 अप्रैल को याचिकाकर्ताओं ने चुनाव आयोग के हलफनामे पर जवाब के लिए समय की मांग की थी जिसके बाद कोर्ट ने 8 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। पिछले 29 मार्च को निर्वाचन आयोग ने अपना हलफमाना दायर किया था। निर्वाचन आयोग ने 50 फीसदी वीवीपीएटी पर्चियों का ईवीएम से मिलान की मांग को अव्यावहारिक बताया है।

आयोग ने कहा है कि हर विधानसभा सीट से एक बूथ के वीवीपीएटी का ईवीएम से मिलान की व्यवस्था सही है। इसमें कोई कमी नहीं पाई गई है। अपने हलफमाने में निर्वाचन आयोग ने कहा है कि 50 फीसदी वीवीपीएटी के ईवीएम से मिलान से नतीजे घोषित करने में 6 से 9 दिन का वक्त लगेगा। निर्वाचन आयोग ने कहा कि वीवीपीएटी को ईवीएम से मिलान की व्यवस्था को अंदरुनी मेकानिज्म के तहत लागू किया गया है ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

पिछले 25 मार्च को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि आप इस संबंध में हलफनामा दायर कीजिए कि वीवीपीएटी पर्चियों का ईवीएम से मिलान करना बढ़ाया क्यों नहीं जा सकता है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने निर्वाचन आयोग को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था ।

जिन विपक्षी नेताओं ने याचिका दायर की है उनमें टीडीपी के चंद्रबाबू नायडु, एनसीपी के शरद पवार, कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल, टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन, शरद यादव, बीएसपी के सतीश चंद्र मिश्रा,डीएमके के एमके स्टालिन, सीपीएम के टीके रंगराजन, आरजेडी के मनोज कुमार झा, आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल, नेशनल कांफ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला, सीपीआई के सुधाकर रेड्डी, कुंवर दानिश अली, रालोद के अजित सिंह, एआईयूडीएफ के एम बदरुद्दीन अजमल, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, प्रोफेसर अशोक कुमार सिंह, इंडियन युनियन मुस्लिम लीग के खुर्रम अनीस उमर, तेलंगाना जन समिति के प्रोफेसर कोडानडरम और नागा पीपुल्स फ्रंट के केजी किनी शामिल हैं ।

याचिका में कहा गया है कि हर चुनाव क्षेत्र के 50 फीसदी बूथों पर वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम से मिलान होना चाहिए। फिलहाल निर्वाचन आयोग वीवीपैट का मिलान एक चुनाव क्षेत्र में एक बूथ पर ही करता है। याचिका में ईवीएम के जरिये चुनाव में गड़बड़ी की आशंका जताई गई है। इन विपक्षी दलों ने हाल ही में निर्वाचन आयोग से भी 50 फीसदी बूथों पर वीवीपैट के इस्तेमाल की मांग की थी।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *