बाहरी निरस्त्रीकरण से पहले अपने अंदर हिंसा की भावना को खत्म करना चाहिए: दलाई लामा

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नई दिल्ली  (हि.स.) । बाहरी दुनिया में निरस्त्रीकरण हासिल करने की कोशिश करने से पहले लोगों को अपने अंदर हिंसा की भावना को खत्म की जरुरत है। यह बात शनिवार को दलाई लामा ने कहीं।
तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने अध्यापकों के वैश्विक सम्मेलन में यहां 35 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित करने से पहले 83 वर्षीय आध्यात्मिक गुरु ने ‘करूणा’ के विषय को स्कूल के पाठ्यक्रम का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘20वीं सदी ने अत्यधिक हिंसा और हत्याएं, प्रथम विश्व युद्ध, द्वितीय विश्वयुद्ध और अन्य परेशानियां देखी। आज की दुनिया में भी हिंसा हो रही है और और डर एवं नफरत पैदा करने के लिए विध्वंसकारी हथियारों पर पैसा खर्च किया जा रहा है।’’
दलाई लामा ने कहा, ‘‘बाहरी दुनिया में निरस्त्रीकरण हासिल करना महत्वपूर्ण है लेकिन उससे पहले हम मनुष्यों को अपने अंदर हिंसा की भावना को खत्म करना होगा। आक्रोश सिर्फ तबाही की ओर ले जाता है।’’
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी ‘‘शांति, अहिंसा और करुणा की सदी’’ होनी चाहिए। हमारी शिक्षा प्रणाली में करूणा को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना चाहिए।

 


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