50 हजार से अधिक मूल्य के माल परिवहन के लिए पहली अप्रैल से ई-वे बिल अनिवार्य:सुमो

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पटना, 10 मार्च (हि.स.)। बिहार के उप मुख्यमंत्री और वित्त एवं वाणिज्य कर मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि 50 हजार रुपये से अधिक मूल्य के अंतर राज्य माल परिवहन के लिए पहली अप्रैल से ई—वे बिल की व्यवस्था अनिवार्य रूप से लागू करने का निर्णय लिया है। इससे कर वंचना पर लगाम लगेगी। जीएसटी लागू होने के बाद पिछले वर्ष जुलाई से पूरे देश में चेकपोस्ट समाप्त कर दिये जाने के बाद बड़ी मात्रा में कर प्रतिवेदित मालों की आवाजाही से राज्यों को राज्यों को राजस्व का नुकसान हो रहा था। सुशील मोदी ने बताया कि नयी दिल्ली के विज्ञान भवन में शनिवार को आयोजित जीएसटी काउंसिल की 26वीं बैठक में 50 हजार रुपये से अधिक मूल्य के अंतर राज्य माल परिवहन के लिए पहली अप्रैल से ई-वे बिल की व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। जीएसटीएन सर्वर से पहली अप्रैल से 50 से 75 लाख तक ई-वे बिल प्रतिदिन जेनरेट होगा। निबंधित कारोबारी और ट्रांसपोर्टर्स को अब कागज के फार्म भरने की झंझट नहीं रहेगी बल्कि वे कम्प्यूटर के अलावा मोबाइल एप्पलिकेशंस के जरिए भी आसानी से ई-वे बिल जेनरेट कर सकेंगे। सुमो ने बताया कि अंतर राज्य सफलता के बाद राज्य के अंदर भी ई—वेल की व्यवस्था चरणबद्ध लागू करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा काउंसिल ने पहली जुलाई से टीडीएस लागू करने पर अपनी सहमति दी तथा कम्पोजिशन डीलर द्वारा माल की खरीदारी पर रिवर्स चार्ज को फिलहाल 30 जून तक स्थगित रखते हुए इसके लिए एक मंत्री समूह का गठन किया गया है। ​इसकी अनुशंसा इस लागू करने पर विचार होगा। वहीं विवरणी का स्वरूप तय करने की जिम्मेवारी जीएसटीएन मंत्री समूह के अध्यक्ष सुशील कुमार मोदी को दी गई जिनकी अनुशंसा के बाद उसे लागू करने पर काउंसिल विचार करेगी। सुशील मोदी ने बताया कि पूर्व में 1 फरवरी से ई-वे बिल की व्यवस्था लागू की गई थी मगर सर्वर में आई तकनीकी गड़बड़ी की वजह से अब पूरे देश में इसे पहली अप्रैल से लागू की जा रही है।

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