एबीवीपी ने 8 साल बाद हैदराबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में लहराया जीत का परचम

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राष्ट्रीय महामंत्री आशीष चौहान ने कहा- छात्रों ने देश विरोधी असामाजिक तत्वों को नकारा

नई दिल्ली/हैदराबाद, 07 अक्टूबर (हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) ने हैदराबाद विश्वविद्यालय (यूओएच) के छात्र संघ चुनावों में आठ साल बाद वापसी करते हुए वर्ष 2018-19 सत्र के लिए छात्र संघ के शीर्ष छह पदों पर जीत दर्ज की है। विद्यार्थी परिषद् के राष्ट्रीय महामंत्री आशीष चौहान ने रविवार को छात्रों और कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि छात्रों ने देश विरोधी असमाजिक तत्वों को विश्वविद्यालय में नकार दिया है।

एबीवीपी ने अदर बैकवर्ड क्लासेज फेडरेशन (ओबीसीएफ) और सेवालाल विद्यार्थी दल (एसएलवीडी) के साथ संयुक्त रूप से चुनाव लड़ा था। छात्र संघ चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोट डाले गए थे। शनिवार देर रात परिणाम घोषित किए। एबीवीपी से अध्यक्ष पद की प्रत्याशी आरती नागपाल ने 334 मतों से, उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी अमित कुमार ने 247 मतों से, महासचिव पद पर धीरज संगोजी ने 127 मतों से, सह सचिव पद पर प्रवीण कुमार ने 39 मतों से, सांस्कृतिक सचिव पद पर अरविंद कुमार ने 233 मतों से तथा खेल सचिव पद पर निखिल राज ने 139 मतों से ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री आशीष चौहान ने सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि आठ वर्षों बाद विद्यार्थी परिषद् को प्राप्त हुई यह जीत एक ऐतिहासिक जीत है। अभाविप द्वारा मैदान में उतारे गए सभी प्रत्याशियों की भारी मतों से जीत विद्यार्थियों का अभाविप पर संपूर्ण विश्वास का प्रमाण है। विद्यार्थियों द्वारा राष्ट्रवादी छात्र संगठन को समर्थन, देश विरोधी तथा समाज को भ्रमित करने वाले असामाजिक तत्वों का विद्यार्थियों द्वारा बुरी तरह नकारा जाने का प्रतीक है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् पुनः सभी छात्रों का इस शानदार जीत दिलाने के लिए हार्दिक आभार प्रकट करती है।
विद्यार्थी परिषद् ने हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के सभी छात्रों का हृदय से धन्यवाद करती है तथा उनके प्रति हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करते हुए पूर्ण रूप से आश्वस्त करती है कि वह निरंतर छात्र हित में कार्यरत रहेगी एवं छात्रों से किए गए सभी वादों को पूरा करेगी।
राष्ट्रीय सचिव निधि त्रिपाठी ने कहा छात्रसंगठन परिसर में छात्र व प्रशासन के बीच की कड़ी बन छात्रों की समस्याओं के समाधान में अपनी भूमिका निभाता है किन्तु जब वह अपने कर्तव्य से पथभ्रष्ट होकर केवल प्रोपेगेंडा पॉलिटिक्स के सहारे चलता है तो छात्र समय आते ही उन्हें सही मार्ग दिखा ही देते हैं। हैदराबद केंद्रीय विश्वविद्यालय में एसएफआई का यही हश्र हुआ।


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