पाकिस्तान में राजनैतिक अस्थिरता की आशंकाएं

0

लॉसएंजेल्स, 14 जुलाई (हि.स.) । अमेरिकी मीडिया ने पाकिस्तान में राजनैतिक अस्थिरता की आशंकाएं ज़ाहिर की हैं। पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव हो रहे हैं। इन चुनाव में तीन बार के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की पीएमएल-नवाज़ और पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की पार्टी तहरीक ए पाकिस्तान की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इसी दिन बलूचिस्तान में एक राजनैतिक सभा के दौरान एक आत्मघाती दस्ते ने पार्टी उम्मीदवार सहित 128 लोगों की जान ले ली, जबकि दूसरी घटना में चार लोगों के मारे जाने की सूचना है।

पूर्व प्रधानमंत्री 68 वर्षीय नवाज़ शरीफ़ और उनकी 44 वर्षीय बेटी मरियम नवाज़ खां को लंदन से इतिहाद एयरवेज़ विमान से स्वदेश लौटने के तुरंत बाद शुक्रवार को लाहौर में गिरफ़्तार कर विशेष विमान से रावलपिंडी स्थित अदीयाला जेल भेज दिया गया। नवाज़ की पत्नी कुलसूम लंदन में कैंसर से पीड़ित हैं। इस गिरफ़्तारी के विरोध में उनके भाई और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री शहबाज़ सहित पीएमएल-नवाज़ समर्थित हज़ारों लोग सड़क पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की ओर से प्रहार किया गया। इस गिरफ़्तारी के बाद नवाज़ शरीफ़ ने मिलिट्री पर आरोप लगाया है कि वह 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव में पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की पार्टी की मदद कर रही है और उनकी पार्टी के लोगों को नाजायज़ तंग किया जा रहा है, उन्हें बंदी बनाया जा रहा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मिलिट्री के दबाव में सुप्रीम कोर्ट ने उनके ख़िलाफ़ बेबुनियाद आरोप लगाए हैं।
न्यूयोर्क टाइम्स ने लिखा है कि पीएमएल-नवाज़ मिलीजुली सरकार बनाने में सहायक हो सकती है, लेकिन अगर इमरान की पार्टी जीत जाती है, तो दूसरी पार्टियां इस निर्णय को स्वीकार नहीं करेंगी। ऐसी स्थिति में वे अदालत का दरवाज़ा खटखटाती हैं तो राजनैतिक अस्थिरता बढ़ सकती है। अख़बार ने लिखा है कि मिलिट्री और नवाज़ की पार्टी, दोनों ही नवाज़ की गिरफ़्तारी रोकने के मूढ़ में थीं, लेकिन उन्हें कोई बीच का रास्ता नहीं मिल रहा था। सेना चाहती थी कि नवाज़ चुनाव से पहले जुर्म क़बूल कर लें, जबकि नवाज़ तो स्वदेश लौटे ही इसलिए थे कि चुनाव की गहमागहमी में वे देश की जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं को डटकर मुक़ाबला करने का संदेश देने में सफल हों।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *