भारत और चीन मिलकर काम करने पर सहमत

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वुहान, (चीन), 27 अप्रैल (हि.स.) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच शुक्रवार को चीनी शहर वुहान में दो दिवसीय अनौपचारिक वार्ता की शुरू हो गई है। प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद दोनों साथ-साथ चलने पर सहमति जताई है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, मोदी स्थानीय समयानुसार दोपहर करीब 3.30 बजे हुबेई प्रांतीय संग्रहालय पहुंचे और 30 सेकेंड तक बड़ी ही गर्मजोशी से शी जिनपिंग से हाथ मिलाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “दोनों देशों के बीच ऐसा अनौपचारिक मुलाकातें और समिट एक परंपरा की तरह आयोजित होते रहने चाहिए। मुझे खुशी होगी, अगर 2019 में भारत में इस तरह की अनौपचारिक शिखर वार्ता का आयोजन होगा।” इससे पहले हुबेई म्यूजियम में रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति के साथ पीएम मोदी का स्वागत किया गया। प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद पीएम मोदी ने कहा कि भारत और चीन विश्व शांति के लिए अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश साथ मिलकर चलने को तैयार हैं। प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति के बीच मुलाकात में दोनों देशों के प्रतिनिधि भी शामिल रहे। भारत की तरफ से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल भी इस मुलाकात के दौरान मौजूद रहे। मोदी ने कहा कि ये भारतियों के लिए गर्व की बात है और मैं भारत का पहला ऐसा प्रधानमंत्री हूं जिसकी अगवानी के लिए आप (शी जिनपिंग) दो-दो बार राजधानी से बाहर आए हैं। पीएम ने कहा कि यह भारत के प्रति आपका प्यार और सम्मान दर्शाता है। उन्होंने कहा कि ‘न्यू इंडिया और न्यू एरा’ की कोशिश दुनिया के हित में है, क्योंकि दुनिया की 40 फीसद आबादी इन्हीं दो देशों में रहती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-चीन मिलकर दुनिया को कई समस्याओं से निजात दिला सकते हैं। शी जिनपिंग से मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पुराने दिन भी याद किए। उन्होंने कहा, “जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब मुझे वुहान आने का मौका मिलाथा। मैंने यहां के बांध के बारे में बहुत सुना था। जिस गति से आपने (शी जिनपिंग) बांध का निर्माण कराया, उसने मुझे प्रेरित किया। मैं एक ‘स्टडी टूर’ पर आया था और बांध पर एक दिन बिताया था।


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