आसाराम को उम्रकैद, बाकी को 20-20 साल की सजा

0

  • जोधपुर, 25 अप्रैल (हि.स.) (अपडेट)। देश के बहुचर्चित यौन उत्पीड़न मामलों में से एक इस मामले के दोषी आसाराम को ट्रायल कोर्ट जोधपुर की विशेष अदालत ने सेंट्रल जेल में बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। जबकि इसी मामले के सह आरोपियों शिल्पी और शरद को को देाषी ठहराते हुए 20- 20 साल की सजा सुनाई है। बुधवार की दोपहर बाद मामले का फैसला आने के बाद आसाराम समर्थकों में मायूसी छा गई। यद्यपि बचाव पक्ष के वकील ने उम्र का हवाला देते हुए सजा कम करने का अनुरोध किया था, मगर सरकारी वकील ने इसका पुरजोर विरोध किया और कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने की पैरवी की। जज मधुसुदन शर्मा ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया। वहीं इस मामले के दो आरोपियों सेवादार प्रकाश और शिवा को अदालत ने बरी कर दिया है। सुरक्षा-व्यवस्था के चलते छावनी में तब्दील जेल: आसाराम के समर्थकों के आने की आशंका से सेंट्रल जेल सहित पूरे जोधपुर शहर में कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था की गई है। फैसले के मद्देनजर जोधपुर जेल को किले में तब्दील कर दिया गया। शहर में आसाराम समर्थकों की एंट्री पर पाबंदी लगा दी गई। पूरे शहर में जगह-जगह पुलिस तैनात है। शहर में बाहर से आने वाले रास्तों पर नाकेबंदी कर सभी वाहनों की तलाशी ली गई। पुलिस के अलावा भी विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने में लगी रहीं। क्या था पूरा मामला: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक नाबालिग लड़की ने आसाराम पर जोधपुर के बाहरी इलाके में स्थित आश्रम में यौन दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। करीब 16 साल की पीड़िता आसाराम की शिष्या के रूप में आश्रम में रह रही थी। दिल्ली के कमला मार्केट थाने में यह मामला दर्ज किया गया था, जिसे बाद में जोधपुर स्थानांतरित कर दिया गया। आसाराम पर पॉक्सो और एससी/एसटी एेक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके बाद जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त, 2013 को आसाराम को गिरफ्तार कर लिया था। तब से वह सेंट्रल जेल जोधपुर में बंद है। बुधवार को इस मामले में विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। इसके लिए जोधपुर जेल में ही एससी-एसटी की विशेष अदालत लगाई गई। पीठासीन अधिकारी मधुसूदन शर्मा ने आरोपी आसाराम, उसके साधक शिवा, शिल्पी, शरतचंद्र और प्रकाश का फैसला किया। भारी पुलिस बल तैनात रहा: शहर में पुलिस के करीब डेढ़ हजार जवान व आरएसी की पांच बटालियन तैनात की गई थी। इसके अलावा एसटीएफ, हाडीरानी बटालियन, व्रज वाहन, वाटर केनन भी तैनात रहे। ये सभी अलग-अलग एरिया में तैनात रखे गए। आरपीएफ व जीआरपी का भी अतिरिक्त जाब्ता तैनात रहा। रेलों में आने वाले आसाराम समर्थकों पर विशेष तौर पर निगाह रखी जा रही थी। रेलवे स्टेशन का दूसरा द्वार रहा बंद: ऐहतियातन रेलवे स्टेशन का दूसरा द्वार बंद कर दिया गया। रेलवे के वरिष्ठ जनसम्पर्क अधिकारी गोपाल शर्मा के अनुसार, आसाराम से सम्बन्धित प्रकरण में जेल मेंं निर्णय दिए जाने को ध्यान में रखते हुए जोधपुर स्टेशन एवं स्टेशन एरिया में यात्रियों की सुरक्षा तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जोधपुर रेलवे स्टेशन के द्वितीय प्रवेश द्वार को मंगलवार रात आठ बजे से बंद कर दिया गया। यह द्वार 25 अप्रैल की रात 12 बजे तक बंद रहेगा। मुख्य प्रवेश द्वार सामान्यत: यात्री सुविधा के लिए खुला रहेगा। यातायात व्यवस्था में बदलाव किया: कानून व्यवस्था एवं यातायात को सुगम व सुचारु बनाने की दृष्टि से जेल के आसपास यातायात व्यवस्था में भी बदलाव किया गया। पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय एवं यातायात) ने बताया कि 25 अप्रैल की प्रात: छह बजे से नई सड़क चौराहा से बडू हाऊस तक सभी प्रकार के वाहनों का आवागमन निषेध किया गया। वहीं रेलवे स्टेशन के पिछले द्वार से केन्द्रीय कारागृह की तरफ भी यातायात पर प्रतिबंध रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *