200 नम्बर की हुई पहचान,पुलिस की कड़ी नजर साइबर ठगों पर
नई दिल्ली, 06 मई (हि.स.)। राजधानी दिल्ली में कोरोना महामारी के बीच लगातार दवा, इंजेक्शन, ऑक्सीजन व बेड की किल्लत के बीच मदद के नाम पर साइबर ठग मरीजों के परिजनों से लगातार ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। इन बढ़ती घटनाओं को देखते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने भी निर्देश दिया था कि ठगी के इन मामलों की जांच साइबर सेल तेजी से करे। जिसके बाद साइबर सेल ने करीब 200 ऐसे मोबाइल नम्बर की पहचान की है, जिनके द्वारा लोगों को उनकी जरूरत की चीजें मुहैया कराने का झांसा देकर उनके साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया।
ज्ञात हो कि कोरोना महामारी के उपचार में सहायक दवाओं, उपकरणों अस्पतालों में ऑक्सीजन मुहैया कराने के नाम पर बदमाश ठगी की आठ से दस वारदातों को रोजना अंजाम दे रहे हैं। शिकायत के बाद इन मामलों की जांच में साइबर सेल को कई ठोस सुराग हाथ लगे हैं, जिनके द्वारा ठगों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।
जांच के दौरान साइबर सेल के समक्ष 200 मोबाइल नम्बर के साथ ही 95 बैंक खाते, 33 यूनिक ट्रांजेक्शन रफरेंस (यूटीआर) और 17 यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) वॉलेट सामने आए है, जिनका इस्तेमल ठगी के दौरान किया गया है। इसी के साथ जांच टीम ने 200 से 250 साइबर ठगों के सक्रिय होने का पता लगाया है, जिनको पकड़ने के लिए सभी जिलों की एक-एक यूनिट और साइबर सेल की 20 टीम लगाई गई है। वहीं, पुलिस सूत्रों की मानें तो 37 मामलों में लोगों से रुपये लेकर आरोपित फरार हैं। जिनकी पुलिस तलाश कर रही है।