लखनऊ, 12 अप्रैल (हि.स.)। कोरोना से लोगों के बचाव को लेकर उप्र की योगी सरकार अलर्ट मोड़ पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए सूबे में किए गए चिकित्सा प्रबंधों की रोज समीक्षा कर रहे हैं। राज्य में रोजाना कितने लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं और उनके इलाज के लिए जिलों में क्या क्या कदम उठाये जा रहे हंै तथा प्रदेश में प्रतिदिन कितने लोगों ने टीकाकरण कराया, मुख्यमंत्री इसकी भी समीक्षा मुख्यमंत्री रोज कर रहे हैं। उप्र में अब तक 85 लाख से अधिक लोगों ने कोविड टीकाकरण करा लिया है। सूबे में कोविड टीकाकरण अभियान में कोई रूकावट न आने पाए, इसके लिए मुख्यमंत्री के प्रयास से केंद्र सरकार ने प्रदेश को फिर से 20 लाख कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करा दी है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सक्रियता का ही नतीजा है जो उप्र को फिर से 20 लाख कोरोना वैक्सीन मिल गई हैं। वही दूसरी तरफ महाराष्ट्र में कोरोना वैक्सीन की कमी के चलते टीकाकरण प्रभवित हो रहा है क्योंकि वहां की सरकार ने वैक्सीनेशन कराने को लेकर पुख्ता योजना तैयार करने में सुस्ती दिखाई है।
वहीं योगी सरकार ने कोरोना से लोगों के इलाज और कोविड टीकाकरण के लिए अलग-अलग योजनाएं तैयार कर उस पर कार्य किए जिसके चलते राज्य में अब तक 72,72,734 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज तथा 12,42,562 लोगों को पहली व दूसरी दोनों डोज दी जा चुकी है। इस तरह पहली व दोनों डोज ले चुके कुल लोगों की संख्या 85,15,269 हो गई है।
उप्र के महानिदेशक परिवार कल्याण, डा. राकेश दुबे के अनुसार राज्य में 15,13,051 हेल्थ केयर वर्कर (स्वास्थ्य कर्मी), 12,09,191 फ्रंट लाइन वर्कर और 57,93,054 नागरिकों ने कोविड टीकाकरण कराया है। इनमें से 6,03,394 हेल्थ केयर वर्कर (स्वास्थ्य कर्मी), 4,27,228 फ्रंट लाइन वर्कर और 2,11,940 नागरिकों को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज भी लग चुकी है।
मात्र 10 दिन में लगाए गए 28.2 लाख टीके
डा. राकेश दुबे के मुताबिक अप्रैल के सिर्फ 10 दिनों में ही 28.2 लाख टीके लगाए गए हैं। एक अप्रैल से 45 पार सभी लोगों का टीकाकरण शुरू किए जाने और कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज होने के कारण इसमें काफी तेजी आई है। इससे टीके की मांग तेजी से बढ़ रही है। टीकाकरण अभियान में तेजी आने के बाद अब प्रतिदिन औसतन ढाई लाख से तीन लाख टीके लगाए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि बीते पांच अप्रैल को सर्वाधिक 5.17 लाख लोगों को टीके लगाए गए। अब तक राज्य में 85,15,296 टीके लगाए गए हैं, उनमें 76 लाख को कोविशील्ड तथा आठ लाख को कोवैक्सीन लगाई गई है। प्रदेश में सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन कोविशील्ड ज्यादा मात्रा में भेजी गई है। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन इसके मुकाबले काफी कम भेजी गई है।
टीकाकरण पर रखी जा रही निगाह
सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर राज्य में कोविड टीकाकरण के आंकड़े कम्प्यूटर में दर्ज किए जा रहे हैं। इसके आधार पर जिलों की रैंकिंग की जा रही है। इसक्रम में हेल्थ केयर वर्कर (स्वास्थ्य कर्मी) का कोविड टीकाकरण कराने के मामले में बलरामपुर जिले को पहला और औरैया को दूसरा स्थान मिला है। औरैया में 8,196 हेल्थ केयर वर्कर में से 7808 ने कोविड की पहली डोज ली और उसके बाद अब तक 6888 हेल्थ केयर वर्कर दूसरी डोज ले चुके हैं। इस तरह से जिले के 84 प्रतिशत हेल्थ केयर वर्कर ने कोविड टीकाकरण कराया हैं, इसी आधार पर बलरामपुर को कोविड टीकाकरण कराने में पहली रैंकिंग मिली है। जबकि आगरा को अंतिम स्थान मिला हैं। इस जिले के 30,804 हेल्थ केयर वर्कर में से मात्र 39 प्रतिशत यानि 12,110 हेल्थ केयर वर्कर ने ही कोविड टीकाकरण कराया, जिसके आगरा को कोविड टीकाकरण कराने को लेकर अंतिम स्थान मिला है।
दवाइयों की उपलब्धता पर भी दिया जा रहा ध्यान
कोविड टीकाकरण की गति को तेज करने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना के इलाज के लिए जरूरी दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और टेस्टिंग पर जोर दे रहें हैं। इसी के तहत मुख्यमंत्री ने रोजाना दो लाख कोरोना टेस्ट करने के निर्देश दिए हैं। इसमें एक लाख टेस्ट आरटीपीसीआर विधि से किए जाएं। उन्होंने निगरानी समितियों को सक्रिय और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कार्य प्रभावी ढंग से करने के निर्देश दिए। जिलों में स्थापित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को पूरी सक्रियता से संचालित करने और स्वास्थ्य विभाग के कंट्रोल रूम के माध्यम से सभी कोविड अस्पतालों की व्यवस्थाओं को चेक करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन व हवाई अड्डों पर लोगों की इंफ्रारेड थर्मामीटर व पल्स ऑक्सीमीटर के माध्यम से स्क्रीनिंग करने व जरूरत के मुताबिक रैपिड एंटीजन टेस्ट करने को भी कहा है। इसके साथ ही उन्होंने दवाओं व संसाधनों में किसी प्रकार की कोई किल्लत न हो इसके लिए आला अधिकरियों को निर्देश भी दिए हैं।
ड्रग कंट्रोलर एके जैन ने बताया कि प्रदेश में सैनिटाइजर, पीपीई किट, आइवर मैक्टिन, एजिथ्रोमाइसिन समेत संक्रमण से जुड़ी सभी दवाएं व अन्य उत्पाद पर्याप्त मात्रा में हैं। और इन दवाइयों की उपलब्धता पर भी नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के दौरान जांच, बेड और वेंटिलेटर की व्यवस्था के साथ अन्य संसाधनों को प्रदेश सरकार ने बढ़ाया है। साल 2020 फरवरी तक प्रदेश में हैंड सैनिटाइजर बनाने की सिर्फ 86 इकाइयां थी, जो बढ़कर अब 151 हो गईं हैं। फरवरी से अब तक सैनिटाइजर की 65 नई इकाइयों को स्थापित किया जा चुका है। आइसोलेशन, वेंटिलेटर और आइसीयू बेडो का होगा विस्तार प्रदेश में कोविड 19 के लेवल टू व थ्री अस्पतालों में आइसीयू के 4333 बेड है जिन्हें बढ़ाकर अब 4611 किया जा रहा है। इसके साथ ही प्रदेश में आइसोलेशन बेड की व्यवस्था का विस्तार करते हुए 11811 बेडों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने पर 16422 आइसोलेशन बेड किए जा रहे हैं।