20 देशों को दी गई वैक्सीन कोवैक्स सुविधा के तहत

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जिनेवा, 06 मार्च (हि.स.)। डब्लूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयियस ने कहा है कि विश्व भर में कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध कराने की पहल कोवैक्स के तहत 20 देशों को 20 मिलियन वैक्सीन की खेप उपलब्ध कराई गई है।

टेड्रोस ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि ‘जैसा कि आप सबको पता है कि कोवैक्स सुविधा के तहत 20 देशों को 20 मिलियन कोरोना वैक्सीन की खेप उपलब्ध करा दी गई है और अगले हफ्ते अन्य 31 देशों को 14.4 मिलियन डोज उपलब्ध कराई जाएगी। इससे कुल मिलाकर 51 देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी।

बुधवार को घाना ऐसा पहला देश बना, जिसे कोवैक्स अभियान के तहत 600,000 एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की खेप उपलब्ध कराई गई थी और दूसरा देश कोटेडेवोर है।

उन्होंने बताया कि इन दो देशों के अलावा अब अंगोला, कंबोडिया, कोलंबिया, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, गाम्बिया, भारत, केन्या, लिसोथो, मालावी, माली, मोलडोवा, नाइजीरिया, फिलीपींस, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, रवांडा,सेनेगल, स्वान, युगांडा को वैक्सीन दी गई है।

उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन के पहले राउंड में जिन देशों को वैक्सीन दी गई है उनकी 2 से 3 प्रतिशत जनसंख्या को वैक्सीन लगाई गई है। इसके साथ-साथ आने वाले दिनों में अन्य देशों की पूरी आबादी को वैक्सीन लगाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन चार मुख्य बिंदुओं को साथ में लेकर चल रहा है। इसमें पहली है कि उन कंपनियों के साथ मिलकर वैक्सीन का उत्पादन किया जाए, जिनके पास भरने और खत्म करने के अतिरिक्त क्षमता हो। इससे उत्पादन की प्रक्रिया में तेजी आएगी और वॉल्यूम बढ़ाने में यह सहायक होगा।

दूसरा प्रमुख बिंदु द्विपक्षीय तकनीक है, जो स्वैच्छिक लाइसेंसिंग के माध्यम से एक वैक्सीन पर पेटेंट का स्वामित्व किसी अन्य कंपनी को देती है, जो उनका उत्पादन कर सकती है। तीसरा प्रमुख बिंदु है तकनीक के क्षेत्र में एक दूसरे को सहयोग किया जाए।

चौथा प्रमुख बिंदु है बौद्धिक संपदा अधिकारों को माफ करके जिन देशों में वैक्सीन का उत्पादन किया जा रहा है, वहां पर वह अपनी वैक्सीन का उत्पादन करें।

 


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