आईआईटी की हर पांच में से एक सीट पर दिखेंगी बेटियां

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इस वर्ष 23 आईआईटी में अतिरिक्त 20 प्रतिशत सीटों पर मिलेगा गर्ल्स रिजर्वेशन



कोटा, 25 सितम्बर (हि.स.)। कोरोना काल में होनहार बेटियों के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों से खुशखबरी आई है। इस वर्ष 23 आईआईटी के बीटेक प्रोग्राम में 20 प्रतिशत गर्ल्स को आरक्षित सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा। आईआईटी दिल्ली द्वारा 27 सितम्बर को आयोजित होने वाली जेईई-एडवांस्ड, 2020 परीक्षा का रिजल्ट पांच अक्टूबर को घोषित किया जाएगा। उसके बाद संयुक्त सीट आवंटन प्राधिकरण (जोसा) द्वारा ऑनलाइन काउंसलिंग के लिए आवेदन व सीट आवंटन की प्रक्रिया प्रारंभ होगी।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 तक आईआईटी में छात्राओं की औसत संख्या 9 प्रतिशत होने से केंद्र सरकार ने उच्च तकनीकी शिक्षा में छात्राओं के अनुपात को संतुलित करने के लिए 2018 में गर्ल्स के लिए 550 (14 प्रतिशत) सुपरन्यूमरेरी सीटें बढाने का फैसला किया था। ये सीटें सभी आईआईटी में सामान्य सीटों के अलावा अतिरिक्त रूप से बढाई गई हैं। 2019 में गर्ल्स रिजर्वेशन बढ़ाकर 1122 (17.19 प्रतिशत) किया गया। सरकार का लक्ष्य था कि 2020 तक प्रत्येक आईआईटी में 5 में से एक छात्रा को प्रवेश दिया जाए। जिससे इस वर्ष 20 प्रतिशत छात्राओं को ऑल इंडिया गर्ल्स रैंक के आधार पर आईआईटी व मनपसंद ब्रांच में एडमिशन मिल जाएगा।
गत वर्ष 2307 बेटियां आईआईटी में :
आईआईटी रुड़की की रिपोर्ट के अनुसार 2019 में 23 आईआईटी की कुल 13,607 सीटों के लिए 38,705 परीक्षार्थियों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया था। जेईई-मेन, 2019 से 36,669 गर्ल्स में से 5,356 जेईई-एडवांस्ड के लिए क्वालिफाई घोषित की गई थी। जिसमें गर्ल्स केटेगरी टॉपर को 372 में से 308 अंक मिले थे। गत वर्ष कुल 2307 गर्ल्स ने विभिन्न आईआईटी में एडमिशन लिया। इसमें 1122 गर्ल्स (17.19 प्रतिशत) को सुपर न्यूमरेरी सीटों पर प्रवेश मिला है।
इस वर्ष 1000 सीटें बढ़ने की उम्मीदें :
न्यूक्लीयस एजुकेशन के निदेशक विशाल जोशी ने बताया कि आईआईटी बोर्ड के आंकडों के अनुसार नये तथा पुराने आईआईटी में सीटों की संख्या प्रतिवर्ष नियमानुसार बढ़ाई जाती है। इसके अलावा गर्ल्स के लिए सुपर न्यूमरेरी सीटों में भी 3 प्रतिशत बढ़ोतरी की जाएगी। जिससे गत वर्ष की कुल 13607 सीटों की तुलना में इस वर्ष 23 आईआईटी संस्थानों बीटेक व बीआर्क व ड्यूल डिग्री प्रोग्राम में सीटों की संख्या 14500 से अधिक हो सकती है। अर्थात 1000 सीटें बढ़ने से कटऑफ में गिरावट आएगी, जिससे परीक्षार्थियों को आईआईटी में पहुंचने का सुनहरा मौका मिलेगा। साथ ही, कोविड-19 महामारी के कारण इस वर्ष 12वीं बोर्ड में समान्य वर्ग के लिए न्यूनतम 75 प्रतिशत व रिजर्व केटेगरी के लिये 65 प्रतिशत अंक अथवा बोर्ड के टॉप-20 परसेंटाइल में आने की बाध्यता नहीं होने से जेईई-एडवांस्ड,2020 में अच्छा प्रदर्शन करने वालों को पसंदीदा आईआईटी में प्रवेश मिल सकता है।

 


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