नई दिल्ली, 23 अप्रैल (हि.स.)। करीब 17,500 फीट की ऊंचाई पर लद्दाख के खारदुंगला टॉप और उत्तरी पुल्लू इलाके में बर्फबारी में फंसे 18 लोगों के लिए एक बार फिर भारतीय सेना फरिश्ता बनकर पहुंची और सभी की जान बचा ली। जवानों ने न सिर्फ वाहन में फंसे लोगों को बचाया बल्कि बर्फ में दफन हो चुके उनके वाहनों को भी बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया।
दुनिया की सबसे ऊंची सड़कों में से एक लद्दाख के खारदुंगला टॉप मार्ग की गिनती इस पहाड़ी इलाके में सबसे खतरनाक रास्तों में होती है। सैन्य सूत्रों के अनुसार 21 अप्रैल की शाम को भारी बर्फबारी होने की वजह से उत्तरी पुल्लू और खारदुंगला टॉप मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई। इस वजह से उत्तरी पुल्लू में अपने वाहनों पर सवार करीब 18 लोग फंस गए। इस बात की जानकारी जब सियाचिन ब्रिगेड को मिली तो सेना के जवान वहां पहुंच गए। जवानों ने देखा कि उत्तरी पुल्लू से खारदुंगला टॉप की ओर पांच किलोमीटर की दूरी पर तीन वाहन एक स्कार्पियो, एक जिप्सी और एक मिनी बस बर्फ में दफन हो गए थे।
सियाचिन ब्रिगेड के जवानों ने मौके पर पहुंचते ही तत्काल बचाव अभियान शुरू किया और हिमस्खलन में फंसे एक वाहन को बाहर निकाला। इस कार में बैठे आठ लोगों को सुरक्षित बचाकर उत्तरी पुल्लू में सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया जहां सेना के डॉक्टरों ने उन लोगों की स्वास्थ्य जांच भी की। इनमें से कई नागरिक स्थानीय थे, जो पास के खारदुंग गांव में ही रहते थे। बाद में उन्हें घरों तक पहुंचाया गया जबकि अन्य लोगों को खालसर भेज दिया गया। इस अभियान के बाद खारदुंगला टॉप में फंसे 10 लोगों को सेना के जवानों ने बचाया। सेना ने इन्हें भी सुरक्षित स्थानों पर ले जाकर उन्हें चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई। बचाव अभियान के दौरान सुरक्षित निकले लोगों ने सेना का आभार जताया।