17 वीं लोकसभा में 11 महिलायें करेंगी बंगाल का प्रतिनिधित्व

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लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की 42 सीटों में 11 पर महिला उम्मीदवार चुनी गई हैं। इनमें से 9 तृणमूल की एवं दो भाजपा के टिकट पर चुन कर आई हैं।



कोलकाता, 25 मई (हि.स.)।  लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की 42 सीटों में  11 पर महिला उम्मीदवार  चुनी गई हैं। इनमें से 9 तृणमूल की एवं दो भाजपा के टिकट पर चुन कर आई हैं।
पूरे देश में इस बार 76 महिलायें चुनाव जीत कर आई हैं।  अकेले  पश्चिम बंगाल से  11 महिलाओं का चुना जाना अहम माना जा रहा है।  बंगाल से जीते हुए 42 सांसदों में से एक चौथाई से ज्यादा महिलाएं हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 15 महिलाओं को इस बार टिकट दिया था, जिनमें से 9 को जीत हासिल हुई जबकि 6 को हार का सामना करना पड़ा। चुनाव हारने वालों में बड़ा नाम आसनसोल की उम्मीदवार मुनमुन सेन का है। उनके खिलाफ भाजपा के बाबुल सुप्रियो मैदान में थे। बाबुल ने यहां 197637 मतों से जीत हासिल की। इसी तरह  2009 में बांकुड़ा सीट से माकपा के दिगग्ज नेता बासुदेव आचार्य को हरा कर सनसनी फैलाने वाली अर्पिता घोष इस बार भाजपा के डा. सुभाष सरकार से पराजित हो गईं। तृणमूल कांग्रेस की ओर से चार महिलाएं पहली बार सांसद बनी हैं।  इनमें नुसरत जहां, मिमी चक्रवर्ती, माला रॉय और महुआ मोइत्रा शामिल हैं। वहीं दो बार की सांसद रहीं शताब्दी रॉय और  काकोली घोष दस्तीदार ने भी इस बार जीत की हैट्रिक लगाई । इनके अलावा 2014 में जीतने वाली अपरूपा पोद्दार और प्रतिमा मंडल  ने अपनी  सीटों पर फिर से जीत दर्ज की। इसी तरह तृणमूल के दिवंगत नेता सुल्तान अहमद की पत्नी साजदा अहमद ने भी उलुबेड़िया सीट पर जीत का सिलसिला कायम रखा।  राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भारतीय जनता पार्टी ने इस बार सूबे में पांच महिलाओं को अपना उम्मीदवार बनाया था। इनसमें दो ने जीत दर्ज की। भाजपा की जीतने वाली दो महिलाओं में लॉकेट चटर्जी (हुगली)  और देवश्री चौधरी (रायगंज) पहली बार संसद में कदम रखने जा रही हैं।  ।


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