15वां आर्थिक सर्वेक्षण को किया पेश डिप्टी सीएम तारकिशोर ने

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वित्त वर्ष 2019-20 में वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रही



पटना, 19 फरवरी (हि.स.)।बिहार विधानमंडल का बजट सत्र की शुरुआत आज राज्यपाल के अभिभाषण के साथ ही हो गयी। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद उपमुख्यमंत्री सह-वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने 15वां आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 पेश किया।पेश आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक  बिहार की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2019-20 में 10.5 प्रतिशत थी जो देश की वर्तमान आर्थिक प्रगति की दर से कहीं अधिक है।

बिहार की अर्थव्यवस्था 

बिहार ने पूरे देश में ही नही विदेशों में भी विकास के मोर्चे पर अपनी उल्लेखनीय प्रगति को लेकर ध्यान आकर्षित किया है। स्थिर मूल्य पर बिहार की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2019-20 में 10.5 प्रतिशत थी जो देश की वर्तमान आर्थिक प्रगति की दर से अधिक है। वर्ष 2019-20 में राज्य का सकल घरेलू उत्पाद वर्तमान मूल्य पर 6,11,804 करोड़ रुपये और 2011-12 के स्थिर पर 4,14,977 करोड़ रुपये था। परिणामस्वरूप राज्य में प्रति व्यक्ति सकल राज्य घरेलू उत्पाद वर्तमान मूल्य पर 50,735 रुपये और 2011-12 के स्थिर मूल्य पर 34,413 था। तीन प्रमुख क्षेत्रों (प्राथमिक, द्वीतीयक और तृतीयक) में तृतीयक क्षेत्र के हिस्से में निस्संदेह वृद्धि हुई है, जो वित्त वर्ष 2013-14 से 2019-20 के बीच सकल राजकीय मूल्यवर्धन में तृतीयक क्षेत्र में दो उप-क्षेत्रों का हिस्सा बढ़ा है।  इनमें पथ परिवहन का 4.4 प्रतिशत से 5.9 प्रतिशत और अन्य सेवाओं का 10.5 प्रतिशत से 13.8 प्रतिशत।

राजकीय वित्त व्यवस्था

राज्य ने गत एक दशक से अधिक समय में लगातार वित्तीय विवेकशीलता दर्शायी है। वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान सकल राज्य घरेलू उत्पाद के प्रतिशत में सकल राजकोषिय घाटा 2.0 प्रतिशत था और राजस्व लेखे में अधिशेष बरकरार रहा। प्राथमिक घाटा में भी 2019-20 में गत वर्ष 2018-19 की अपेक्ष कमी आई।वित्त वर्ष 2019-20 राज्य सरकार की कुल प्राप्ति 1,53,408 करोड़ रुपये थी जो गत वर्ष की समान अवधि के दौरान 1,52,287 करोड़ रुपये की तुलना में अधिक है। 2019-20 वित्त वर्ष में राज्य सरकार का कुल राज्सव 1,23,533 करोड़ रुपये और पूंजीगत व्यय 20,080 करोड़ रुपये था।

बिहार में गत 15 वर्ष के दौरान लगातार राजस्व अधिशेष वाला राज्य रहा है।  वर्ष 2019-20 में राजस्व व्यय 1,23,533 करोड़ रुपये और पूंजीगत व्यय 20,080 करोड़ रुपये था। सकल राज्य घरेलू उत्पाद के प्रतिशत में राज्य सरकार की उधारी 2018-19 के 3.6 प्रतिशत से बढ़कर 2019-20 में 4.8 प्रतिशत हो गई । वर्ष 2019-20 में सकल राजकोषिय घाटा 2.0 प्रतिशत था जो 2018-19 के 2.7 प्रतिशत से कम है। राज्य सरकार को वित्त वर्ष 2019-20 में अपना कर और करेतर राजस्व 2018-19 के 33,539 करोड़ रुपये की तुलना बढ़कर 33,858 करोड़ रुपये हो गया। प्रदेश का अपना राजस्व कर 2018-19 में कुल राजस्व का 25.4 प्रतिशत था जो 2019-20 में बढ़कर 27.3 प्रतिशत पर पहुंच गया।

कुल व्यय में राजस्व का हिस्सा 2015-16 के 74.4 प्रतिशत से बढ़कर 2019-20 में 86.0 प्रतिशत हो गया है। इसी अवधि में पूंजीगत लेखे में व्यय 2015-16 के 25.6 प्रतिशत से घटकर 14.0 प्रतिशत रह गया। राजस्व लेखे में सामाजिक सेवाओं पर व्यय 38.5 प्रतिशत और विकासमूलक व्यय 28.7 प्रतिशत वित्त वर्ष 2019-20 में प्रमुख व्यय थे। पूंजीगत लेखे में विकासमूलक पूंजीगत व्यय 8.1 प्रतिशत और पूंजीगत परिव्यय 7.6 प्रतिशत 19-20 में रहें।

 


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