दिल्ली का ट्रैफिक सुधारेंगे 15 डीसीपी

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नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (हि.स.)। राजधानी दिल्ली में ट्रैफिक की समस्या को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने ट्रैफिक को स्थानीय पुलिस की तर्ज पर जिला में बांट दिया है। अब जिस तरह स्थानीय पुलिस के 15 जिले के डीसीपी दिल्ली में काम करते हैं, उसी तरीके से ट्रैफिक पुलिस में भी 15 डीसीपी होंगे। इसके अलावा संयुक्त आयुक्त के क्षेत्र की छह रेंज बनाई गई है, जिनकी कमान ट्रैफिक में अतिरिक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी संभालेंगे।

पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना की तरफ से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि दिल्ली में सड़कों की लंबाई करीब 33 हजार किलोमीटर है और यहां पर करीब 1.30 करोड़ गाड़ियां पंजीकृत हैं। इसके अलावा 15 से 20 लाख गाड़ियां रोजाना दिल्ली के बाहर से भी आती हैं।

यहां पर खासतौर से सुबह और शाम के वक्त जाम एक बड़ी समस्या है। दिल्ली में 2020-2021 में सात हजार से ज्यादा सड़क हादसे हुए हैं, जिनमें 2026 लोगों की जान गई है। सड़क हादसों को रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा उसके कारणों का पता लगाया जाता है और उसके अनुसार आगे कदम बढ़ाए जाते हैं।

वर्ष 1975 में शुरू हुआ था ट्रैफिक पुलिस

ट्रैफिक पुलिस को साल 1975 में शुरू किया गया था। उस समय इसमें एक डीसीपी, चार एसीपी और 16 ट्रैफिक सर्कल होते थे। अभी के समय में ट्रैफिक पुलिस में एक स्पेशल कमिश्नर, दो ज्वाइंट कमिश्नर, चार एडिशनल कमिश्नर, छह डीसीपी, 12 एसीपी और 53 सर्कल हैं। ट्रैफिक जाम की समस्या में रोड इंजीनियरिंग भी एक महत्वपूर्ण कारण है।

इसे लेकर ट्रैफिक पुलिस सरकार के साथ मिलकर काम करती है। ट्रैफिक पुलिस को बेहतर बनाने के लिए ग्राउंड लेवल पर काम किए जाने की आवश्यकता है। ट्रैफिक पुलिस 24 घंटे दिल्ली की सड़कों पर तैनात रहती है ताकि लोगों को किसी प्रकार की समस्या ना हो। ट्रैफिक में नई तकनीकों का सहारा भी पुलिस द्वारा लगातार लिया जा रहा है।

दिल्ली में ट्रैफिक को स्मूथ बनाने के लिए और लोगों को असुविधा से बचाने के लिए ट्रैफिक यूनिट में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। ट्रैफिक पुलिस में अब दो ज्वाइंट सीपी होंगे जिनका कार्यक्षेत्र स्पेशल सीपी जोन के बराबर का होगा। छह अतिरिक्त आयुक्त यहां पर तैनात किए जाएंगे, जिनका क्षेत्र स्थानीय पुलिस के ज्वाइंट सीपी रेंज के बराबर होगा।

सबसे महत्वपूर्ण बदलाव जिले का किया गया है। ट्रैफिक पुलिस के भी अब स्थानीय पुलिस की तरह 15 जिला होंगे और इसे 15 डीसीपी संभालेंगे। इसके अलावा सर्किल की संख्या को भी बढ़ाकर 67 कर दिया गया है। यहां तैनात इंस्पेक्टर स्थानीय एसीपी के बराबर का एरिया ट्रैफिक संभालेंगे। यह पूरी यूनिट स्पेशल सीपी ट्रैफिक द्वारा संभाली जाएगी।

सूत्रों की माने तो पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना द्वारा यह महत्वपूर्ण निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि लोकल पुलिस और ट्रैफिक पुलिस के बीच क्षेत्र की सीमा एक जैसी हो। अभी के समय में कई सर्किल ऐसे कटे हुए थे जिसमें पांच से छह थाने का क्षेत्र आता है। अब प्रत्येक सर्किल को यह साफ होगा कि उसके पास उतना क्षेत्र आता है जितना एसीपी सब डिवीजन का होता है। इससे ट्रैफिक पुलिस और लोकल पुलिस बेहतर तालमेल के साथ काम कर सकेगी।


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