नई दिल्ली, 18 नवम्बर (हि.स.)। वर्ष 1978 में भारत से चोरी हुई भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की कास्य धातु की प्रचीन मूर्तियों को लंदन से वापस भारत वापस लाया गया है। आज बुधवार को इन मूर्तियों को केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने तमिलनाडु के मूर्ती विंग को हस्तांरित कर दिया।
भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की 13वीं शताब्दी की इन मूर्तियों को 1978 में तमिलनाडु के नागपट्टनम मंदिर से चुराया गया था। मंदिर का निर्माण विजयनगर काल में हुआ था। केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अथक प्रयासों से साल 1976 से लेकर अबतक 53 प्राचीन मूर्तियां विदेशों से वापस लाई गई हैं। जबकि साल 2014 से अब तक 40 पुरावशेषों की भारत वापसी हो चुकी है। जर्मनी, फ्रांस, आस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित विभिन्न देशों से हाल के वर्षों में पुरावशेषों का सफल प्रत्यावर्तन किया गया है।
उल्लेखनीय है कि 16 सितम्बर, 2020 को लंदन में भारतीय उच्चायोग को तीनों मूर्तियां सौंप दी गई थीं। इस मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल भी मौजूद रहे। तीनों मूर्तियां ब्रिटेन से भारत आते ही अब इसे नियमों के अनुसार तमिलनाडु विंग को सौंप दिया गया है। नियमों के मुताबिक जो मूर्ति जहां से चोरी की गई थी, उसे वहीं वापस उसी स्थान पर रखा जाता है।
साल 2020 में भारत वापस लाई गई मूर्तियां :
नटराज (सर्प राज ) की प्रस्तर मूर्ति (मध्य भारत)—आस्ट्रेलिया
द्वारपाल प्रस्तर मूर्ति ( तमिलनाडु) —- आस्ट्रेलिया
द्वारपाल प्रस्तर मूर्ति (तमिलनाडु) ——-आस्ट्रेलिया
नटेश शिव (राजस्थान)————- ब्रिटेन
चूना पत्थर खंडित स्तंभ (आंध्र प्रदेश)——–ब्रिटेन
राम की धातु प्रतिमा ( तमिलनाडु) ———–ब्रिटेन
सीता की धातु प्रतिमा (तमिलनाडु)————ब्रिटेन
लक्ष्मण की धातु प्रतिमा (तमिलनाडु)———ब्रिटेन