120 शहरों और तकनीकी संस्थानों के बीच हुआ समझौता स्वच्छ हवा के लिए

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राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत 132 प्रदूषित शहरों का किया गया चयन  2024 तक इन शहरों में 20-30 फीसदी प्रदूषण कम करने का रखा गया है लक्ष्य



नई दिल्ली, 26 मार्च (हि.स.)। देश के 120 शहरों की स्थानीय निकायों, तकनीकी संस्थानों व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के बीच शुक्रवार को समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

 

पर्यावरण मंत्रालय में आयोजित कार्यक्रम में नोएडा और गाजियाबाद के अधिकारियों ने आईआईटी दिल्ली के साथ करार किया। एमओयू के तहत इन शहरों को प्रदूषण कम करने के लिए तैयार मसौदे पर आईआईटी सहित तकनीकी संस्थान सहायता प्रदान करेंगे। इसके साथ कार्यक्रम की निगरानी के लिए शहर, राज्य औऱ केन्द्र स्तर पर कमेटी का गठित की जा रही है। एमओयू पर हस्ताक्षर के मौके पर केन्द्रीय वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी मौजूद थे व उन्होंने वीडिय़ो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों से बात की।

 

इस मौके पर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत समझौते पर हस्ताक्षर करने का महत्वपूर्ण दिन है। प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई का यह नया आयाम है। प्रधानमंत्री जी ने 15 अगस्त को 100 शहरों को प्रदूषण मुक्त करने की घोषणा की। इसलिए भी यह एक महत्वपूर्ण योजना है जिसे ठीक तरह से अमल करना है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने इन शहरों में वाहनों की संख्या को कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए ई-बस और मेट्रो की शुरुआत करने पर बल दे रहा है। लेकिन कुछ राज्य बसें खरीदने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 62 शहरों को ई बस शुरू करने के लिए सब्सिडी दी जानी है, लेकिन अब तक 20 शहरों ने ही बसें खरीदनी शुरू की है। टेंडर प्रक्रिया के कारण बाकी शहरों में देरी हो रही है। ऐसा नहीं होना चाहिए।

 

पर्यावरण मंत्री ने सभी राज्यों को लिखा पत्र 

प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि ई- बसों की खरीद जल्दी करने के लिए सभी राज्यों को पत्र लिखा गया है। उन्हें कहा गया है कि अगर वे ई बसें खरीद में देरी करते हैं तो सब्सिडी का लाभ अन्य राज्यों को दे दी जाएगी। शहरों में ट्रैफिक की समस्या के कारण ज्य़ादा प्रदूषण होता है। इसलिए अच्छी सड़कों के साथ बाई पास रोड़ भी बनाए जाने चाहिए। 15 शहरों में मेट्रो का काम तेजी से चल रहा है। अमृत मिशन के तहत ई बस खरीदने के लिए राज्यों को केन्द्र की ओर से सहायता राशि दी जा रही है।

 

 


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