12 अक्टूबर इतिहास के पन्नों में
…चंद घंटे में बदल गया निजामः पाकिस्तान के इतिहास में वैसे तो सरकार और सेना के बीच सत्ता को लेकर रस्साकशी नयी नहीं थी लेकिन 12 अक्टूबर 1999 में वहां जो कुछ हुआ वह जम्हूरियत के साथ बार-बार मजाक करने वाले इस देश के लिए एक और भद्दा उदाहरण बनकर आया। कारगिल का खलनायक परवेज मुशर्रफ इसी दिन नवाज शरीफ का तख्ता पलट देश की सत्ता पर काबिज हो गया था।
यह नाटकीय घटनाक्रम तब हुआ जब परवेज मुशर्रफ को अपने श्रीलंका दौरे के समय पता चला कि इस्लामाबाद में नवाज शरीफ और इंटेलिजेंस चीफ जनरल जियाउद्दीन की गोपनीय बैठक हुई, जिसमें मुशर्रफ को पद से हटाने की तैयारी है। उन्हें बर्खास्त कर जियाउद्दीन को नया सेना प्रमुख बनाया जाएगा। इस सूचना पर मुशर्रफ ने तत्काल कोलंबो से कराची के लिए फ्लाइट ले ली। इधर, पाकिस्तान में मुशर्रफ के वफादार सैन्य अफसरों और जवानों का एक बड़ा जत्था सरकार के खिलाफ गोलबंद होने लगा। उसने सरकारी टीवी स्टेशन पर कब्जा कर लिया।
पहले तो शरीफ ने इससे निबटने के लिए जियाउद्दीन को नया सेना प्रमुख बनाने की घोषणा कर दी। शरीफ ने मुशर्रफ को देश में वापस नहीं लौटने देने की तैयारी की थी लेकिन ऐन समय पर आर्मी ने शरीफ सरकार के खिलाफ खुली बगावत कर दी। सेना ने सरकार के आदेशों को मानने से इनकार कर दिया।
अगले कुछ घंटे के भीतर सेना ने शरीफ के आवास को चारों तरफ से घेरकर सुरक्षाकर्मियों के हथियार छीन लिये। खुद शरीफ को आवास से गिरफ्तार कर एयरपोर्ट के करीब एक गेस्ट हाउस में ले जाया गया। उनपर मुशर्रफ के विमान के अपहरण का आरोप लगाया गया। देश के तमाम अहम स्थानों पर आर्मी का कब्जा हो गया। शरीफ के कैबिनेट सदस्यों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में शरीफ को उनके परिवार के 40 सदस्यों के साथ सऊदी अरब निर्वासित कर दिया गया।
अन्य अहम घटनाएंः
1864ः प्रमुख बंगाली कवि, सामाजिक कार्यकर्ता और नारीवादी कामिनी राय का जन्म।
1871ः ब्रिटिश सरकार ने क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट लागू कर 160 जातियों को अपराधी जाति घोषित कर दिया।
1908ः प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक आत्माराम का जन्म।
1911ः डॉन ब्रेडमैन के समकालीन महान भारतीय क्रिकेटर विजय मर्चेंट का जन्म।
1919ः भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता रहीं विजयराजे सिंधिया का जन्म।
1938ः मशहूर शायर निदा फाजली का जन्म।
1967ः महान समाजवादी नेता डॉ. राममनोहर लोहिया का निधन।
2001ः संयुक्त राष्ट्र महासचिव कोफी अन्नान को सदी का पहला नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया।