पटना,23अप्रैल(हि.स.) हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और पटना नगर निगम से मंगलवार को पूछा है कि राजधानी पटना को हरा भरा रखने के लिए क्या क्या कार्रवाई की गई है। कोर्ट ने राजधानी पटना में पिछले दो साल से लगाए गए पेड़ों की पूरी जानकारी प्रस्तुत करने को भी कहा है।
न्यायाधीश ज्योति शरण और न्यायाधीश अंजनी कुमार शरण की खंडपीठ ने सड़क निर्माण के दौरान सड़क किनारे के पेड़ों की हो रही कटाई और छंटाई , डिवाइडर पर पेड़ पौधे की कमी एव्. वृक्षारोपण के अभाव में पटना शहर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दायर एक लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।
कोर्ट ने सख्त अंदाज़ में टिपण्णी करते हुए पूछा कि पेड़ों की कटाई कैसे हो रही हैं। क्या शहर में सार्वजनिक स्थल के पेड़ों की नंबरिंग की गई है या नहीं । पेड़ों के काटने के बाद वहां पुनः वृक्षारोपण किये जाने की कोई कार्य योजना सरकार व निगम के पास है या नही । कोर्ट ने कहा कि पटना के चौड़ी सड़कों के डिवाइडर पर घास तक नहीं। वहां छोटे पौधे क्यों नही लगाए जा रहे हैं।
याचिकाकर्ता गौरव कुमार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि पुराने पेड़ों की कटाई होने के बाद दोबारा कहीं भी वृक्षारोपण नही किया जा रहा है। शहर में धूल से होने वाला प्रदूषण खतरनाक स्तर पर आ चुका है। गर्मी में फुटपाथ पर खड़ा रहना खतरनाक है। क्योंकि बड़े वृक्ष काटे जा रहे हैं ।
राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को आश्वासन दिया गया कि सरकार पेड़ लगाने की कार्य योजना को कोर्ट में जल्द पेश करेगी । कोर्ट ने सरकार या नगर निगम द्वारा पिछले दो साल में लगाए गए सभी पेड़ों की पूरी जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 13 मई को निर्धारित किया है।