डीयू कर्मचारियों की सातवें वेतन आयोग के अनुसार पेंशन की मांग
नई दिल्ली, 16 अप्रैल (हि.स.)। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के पेंशन लाभार्थियों ने वाइस चांसलर से सातवें वेतन आयोग के अनुसार पेंशन योजना का लाभ देने की मांग की है। उनका आरोप है कि डीयू से सम्बद्ध विभागों और कॉलेजों से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को आज भी छठे वेतन आयोग के अनुसार पेंशन दी जा रही है, जबकि सातवां वेतन आयोग लागू हुए तीन साल बीत चुके हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय की एकेडेमिक काउंसिल के पूर्व सदस्य प्रो. हंसराज सुमन ने मंगलवार को कहा कि अन्य विश्वविद्यालयों में सांतवे वेतन आयोग के अनुसार पेंशनधारियों को लाभ दिया जा रहा है। जबकि डीयू कर्मचारियों के साथ भेदभाव हो रहा है। उन्होंने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों और कॉलेजों से दो हजार से अधिक कर्मचारी श्रेणी ए, बी, सी से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उन्हें आज तक सांतवे वेतन आयोग के अनुसार पेंशन नहीं दी जा रही है। इसी तरह से कर्मचारियों को पेंशन, डियरनेस रिलीफ 139 फीसदी ही दिया जा रहा है, जबकि एक जनवरी 2019 से केंद्र सरकार का 154 फीसदी तक डीए पहुंच गया है। इसके बावजूद कर्मचारियों को आज भी 15 फीसदी का घाटा प्रति माह उठाना पड़ रहा है।
प्रो. सुमन ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के दो हजार से अधिक कर्मचारियों को 15 फीसदी कम डीए दिए दिया जा रहा है। यह पैसा डीयू के खाते में लाखों रुपये कर्मचारियों का इकट्ठा हो रहा है, जिसका ब्याज कर्मचारियों को मिलने के बजाय दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ले रहा है। उनका कहना है कि इसी तरह से 154 फीसदी तक डीए बढ़ने के बावजूद उन्हें 139 फीसदी ही दिया जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि कर्मचारियों के साथ डीयू प्रशासन का यह सौतेला व्यवहार क्यों?