मुंबई, 03 जुलाई (हि.स.)। महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र के रत्नागिरी जिले में स्थित तिवरे बांध मूसलाधार बारिश में ओवरफ्लो होने से मंगलवार की रात को अचानक बांध टूट गया। अबतक घटना में 11 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं जबकि 20 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने रत्नागिरी कलेक्टर समेत अन्य अधिकारियों से बात की है और बांध टूटने के बाद की स्थिति का ब्यौरा लिया है। मुख्यमंत्री ने जान-माल के नुकसान पर दुख जताया है और घटना की एसआईटी से जांच कराने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि हादसे के जिम्मेदार अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। तिवरे बांध हादसा की जांच के लिए गठित की जाने वाली एसआईटी के लिए प्रमुख को आवश्यक निर्देश भी दे दिया गया है। साथ ही सीएम फडणवीस ने राहत व पुनर्वास मंत्री गिरीश महाजन को भी स्थिति पर नजर बनाए रखने की हिदायत दी है।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने रत्नागिरी के जिलाधिकारी सुनील चव्हाण के हवाले से बताया कि इस घटना में अबतक 11 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 20 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं। जिलाधिकारी कार्यालय, आलोरे शिरगाव पुलिस व स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि 11 शवों को बरामद करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है।
रत्नागिरी में 2012 में बनकर तैयार हुए तिवरे बांध टूटने की वजह से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। इसके साथ लगभग 12 मकान पानी में बह गए हैं। दर्जनभर गांवों में बाढ़ की तरह पानी फ़ैल गया है। राहत एवं बचाव कार्य के लिए पुणे और सिंधुदुर्ग से एनडीआरएफ की टीम पहुँच गई है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि प्रशासन से बांध के क्षतिग्रस्त होने की संभावना जताई गयी थी लेकिन प्रशासन की ओर से शिकायतों की अनदेखी की गई जिसके कारण यह आपदा आयी है । रत्नागिरी के जिलाधिकारी सुनील चव्हाण ने बताया कि स्थानीय प्रशासन, पुलिस और वॉलंटियर्स के अलावा एनडीआरएफ टीम को भी बचाव और राहत कार्य में लगाया गया है। उन्होंने कहा कि तिवरे बांध में बारिश के चलते जलस्तर बहुत बढ़ गया था, जिसके बाद यह हादसा हुआ है । बाढ़ प्रभावित बस्ती में लगभग 80 से ज्यादा मकान हैं जिसमें से 12 बह गए हैं । कई लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि यह तिवरे बांध रत्नागिरी जिले के सुदूर गांव में स्थित है। जिला कलेक्टर को घटना की जानकारी देर रात करीब दो बजे मिली थी। जानकारी प्राप्त होने के बाद क्षेत्र में सहायता और बचाव कार्य शुरू किया गया है और क्षेत्र के अन्य गांवों के लिए हाई अलर्ट जारी किया गया है। पुणे और सिंधुदुर्ग से एनडीआरएफ जवानों को मदद के लिए बुलाया गया है। बांध के पास का दादर पुल भी पानी के नीचे चला गया है, जबकि ओवली, रिक्टोली, आंकले, दादर, नंदीवासे, कलकवणे और अन्य गांवों से संपर्क टूट गया है।लघु बांध विभाग की देखरेख में तिवरे बांध का निर्माण 2012 में किया गया था। इस बांध की जल संचय क्षमता 2452 मिलियन क्यूबिक मीटर यानी 0.08 टीएमसी पानी की है। बांध के टूटने के कारण तिवरे और धायगांव के लिए खतरा बढ़ गया है। इस बांध के पानी को नहर की मदद से वशिष्ठ नदी में छोड़ा जाता है।
उल्लेखनीय है कि मुंबई में शनिवार से हो रही भारी बारिश ने रेल, हवाई और सड़क यातायात को बुरी तरह प्रभावित किया है। मुंबई, कल्याण और पुणे में कई इलाकों में दीवार ढहने से अबतक 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। फिलहाल मुंबई में अब रुक-रुक कर बारिश हो रही है। आज भी मुंबई और आसपास के इलाकों में भारी बारिश का अनुमान जताया गया है। मौसम विभाग ने पहले ही 5 जुलाई तक बारिश के लिए अलर्ट जारी कर रखा है |