दिल्ली में 10वीं के विद्यार्थी पढ़ेंगे हरियाणा के गांव की कहानी

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वर्कबुक में शामिल हुआ चैप्टर ए विलेज नेम्ड बीबीपुर



चंडीगढ़, 03 जुलाई (हि.स.)। दिल्ली के स्कूलों में 10वीं कक्षा के विद्यार्थी अब अपने वर्कबुक के माध्यम से हरियाणा के जींद जिला के गांव बीबीपुर के बदलाव की कहानी पढ़ेंगे। यह बदलाव किया है गांव के पूर्व सरपंच एवं सेल्फी विद डॉटर के संस्थापक सुनील जागलान ने। उन्होंने गांवों को शहरों के समान सुंदर बनाने से लेकर उनका डिजिटकलीकरण करने, पंचायतों को आनलाइन बनाने तथा महिला सशक्तीकरण के साथ ही बेटियों के चेहरों पर मुस्कान लाने की जो मुहिम सरपंच के नाते सुनील जागलान ने शुरू की थी, आज वह पूरे देश और दुनिया के लिए नजीर बन गई है।
सुनील जागलान 6 जून, 2010 से जनवरी, 2016 तक बीबीपुर गांव के सरपंच रहे। उनकी दो बेटियां हैं। दुनिया के 70 देशों तक जागलान अपनी इस मुहिम का झंडा बुलंद कर चुके हैं। अब देश के प्राइवेट स्कूलों में 10वीं क्लास की वर्कबुक में सुनील जागलान के द्वारा किए गए कामों को प्रमुखता से पढ़ाया जाएगा। दसवीं क्लास की इस वर्कबुक में सुनील जागलान के द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों, बदलाव के बड़े उदाहरण और उनके नतीजों के साथ ही बच्चों के लिए प्रेरणा के स्रोत के रूप में एक बड़ा चैप्टर दिया गया है, जिसका नाम है, ए विलेज नेम्ड बीबीपुर।
स्काईपाथ नामक इस वर्कबुक की सीरिज एडीटर डीपीएस शारजाह (संयुक्त अरब अमीरात) की फाउंडर प्रिंसीपल एवं दिल्ली के संस्कृति स्कूल की पूर्व प्रिंसिपल आभा सहगल हैं। अमृता विद्यालयम दुर्गापुर की सह-प्रिंसीपल सुथापा मुखर्जी ने यह पुस्तक लिखी है। आरंभ में यह पुस्तक दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में अगस्त से आरंभ होने वाले शिक्षा सत्र में पढ़ाई जाएगी। फिर इसे देश के बाकी राज्यों में पढ़ाने की शुरुआत होगी।
स्काईपाथ वर्कबुक के मुताबिक, 2012 में कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए जाागलान ने पहली महिला ग्रामसभा और महाखाप पंचायत की, जिसमें महिलाओं ने भागेदीरी की। 2012 में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की आधारभूत शुरुआत बीबीपुर से ही हुई। 2015 में केंद्र सरकार ने इसे देश भर में लागू किया। 2012 में ग्राम सचिवालय का प्रस्ताव केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय को भेजा गया, जिसे सरकार ने बाद में लागू किया।

 


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