मुंबई, 22 जुलाई (हि.स.)। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पिछले 10 साल में आगजनी की 84000 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं और 666 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन मुंबई महानगर पालिका प्रशासन के साथ ही राज्य सरकार महकमा आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए गंभीर नहीं दिखाई दे रहा है। पिछले साल विधान सभा में शिवसेना के नेताओं ने भी आगजनी का मुद्दा उठाया था | शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा देश की आर्थिक राजधानी में दस साल में 84000 से अधिक घटनाएं होने और 675 से ज्यादा लोगों की मौत होने का दावा पूर्व में किया था | आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए कई कठोर नियम बनाए गए हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि इन नियमों का सही तरीके से पालन ही नहीं होता है ।
मुंबई फायर ब्रिगेड ने आरटीआई में बताया है कि 2008 से 2018 तक मुंबई में कुल 53333 आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें 666 लोग मारे गए हैं। आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद शेख ने साल 2008 से 2018 तक मुंबई में आगजनी से होने वाली मौत की जानकारी मांगी थी। दमकल विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, मुंबई में 53,333 आग लगने की घटना घटी है। इस हादसे में अब तक 404 पुरुष और 223 महिलाओं के साथ ही 34 बच्चों एवं 5 अधिकारियों की मौत हो चुकी है। सोमवार, 22 जुलाई को मुंबई के पश्चिम उपनगर में एमटीएनएल की इमारत में ताजी घटना में भीषण आग लग गई है। आग बुझाने के लिए पहली बार दमकल विभाग ने रोबोट चालित मशीन का उपयोग किया है।
सोमवार को मुंबई के बांद्रा स्थित महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) की इमारत में भीषण आग लग गई, जिसमें 100 से अधिक लोग फंस गए जिन्हें बाद में निकाला गया । एमटीएनएल की इमारत में आग लगने की जानकारी फायर ब्रिगेड को दी गई। दमकल विभाग की 14 गाड़ियां घटनास्थल पर आग बुझाने में लगी रहीं । दमकल विभाग की ओर से पहली बार आग बुझाने वाले रोबोट की भी मदद ली जा रही है। इससे पहले रविवार को ही मुंबई के ताज होटल के पास बिल्डिंग में आग लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि 14 लोगों को सुरक्षित बचाया गया था । चार मंजिला चर्चिल चेंबर में एक दमकलकर्मी सहित दो लोग झुलस गए थे।
बता दें कि 21 जून 2019 को ही भारतीय नौसेना के मझगांव गोदी में निर्माणाधीन युद्धपोत में अचानक आग लगने से एक ठेका मजदूर की मौत हो गई थी। 20 जून की देर रात बैंक ऑफ इंडिया की चर्चगेट शाखा में आग लग गई थी, जिसमें बैंक में रखी कई फाइलें और कंप्यूटर सिस्टम क्षतिग्रस्त हो गए थे। 2 जून 2019 की सुबह नालासोपारा (पूर्व) में स्थित जाधव बाजार में आग लगने से 25 दुकानें जल गईं थीं और लाखों का सामान नष्ट हो गया था। 18 जून को ही मुंबई एयरपोर्ट के पास स्थित ओल्ड एयर ट्रैफिक कंट्रोल कॉम्प्लेक्स में आग लग गई थी। सेंट्रल इंडस्ट्रीयल सिक्योरिटी फोर्स (सीआईसीएफ) बैरक में लगी आग में कोई जनहानि नहीं हुई थी। 27 मई 2019 को ही गोरेगांव में 20,000 लीटर डीजल ले जा रहे एक ट्रक में अचानक आग लग गई थी । अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने तत्काल आग पर काबू पा लिया, जिससे बड़ा हादसा टल गया था । 24 मई 2019 को ही मुंबई के भिंडी बाजार इलाके की एक इमारत में आग लगने से दो लोगों की मौत हुई थी, तो वहीं पांच लोग झुलस गए थे। आग बुझाने के दौरान तीन दमकलकर्मियों की सांस फूलने से अचेत हो जाने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 29 अप्रैल 2019 को ही मुंबई के माटुंगा इलाके में स्थित बिग बाजार के शोरूम में आग लग गई थी। हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन लाखों का सामान नष्ट हो गया था। 26 मार्च 2019 को मुंबई पूर्वी उपनगर के सिद्धार्थ कॉलोनी (चेंबूर) में भी आग लगने से करीब 40 झुग्गियां जलकर खाक हो गई थीं। 29 जनवरी 2019 को मुंबई पूर्वी उपनगर के मुलुंड में 22 मंजिली इमारत में आग लगने से 3 लोग झुलस गए थे। मुंबई से ही सटे वसई इलाके में 27 जनवरी, 2019 को ही एक कार में आग गई गई थी। कार में लगी आग की चपेट में वहां खड़ी 15 अन्य कार भी आ गई थी ।
31 जुलाई 2018 तक आग की 2549 घटनाएं, 24 मृत
बृहन्मुंबई महानगर पालिका की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले साल 1 जनवरी से 31 जुलाई 2018 तक मुंबई में आग लगने की कुल 2549 घटनाएं सामने आई थीं। पिछले साल आगजनी में 122 लोग झुलस गए थे, जबकि 24 लोगों की मौत हुई थी। पिछले साल आगजनी में 40 महिलाएं और 82 पुरुष झुलस गए थे, जबकि आगजनी में 8 महिलाएं और 16 पुरुष की मौत हुई थी। साल 2018 में गुरुवार 20 दिसंबर 2018 को मुंबई के ट्राइडेंट होटल के पास एक शो रूम में भीषण आग लगी थी, लेकिन फायर ब्रिगेड ने तत्परता से आग पर काबू पा लिया था , जिससे बड़ा हादसा टल गया था । 18 दिसंबर 2018 को मुंबई के ईएसआईसी अस्पताल में आग लगने से 6 महीने के बच्चे समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी, 176 लोग झुलसे थे, जबकि 140 लोगों को सकुशल बचाया गया था।
साल 2017 में आगजनी की 4120 घटनाएं, 55 मृत
साल 2017 में आगजनी की सबसे ज्यादा घटनाएं सामने आई थीं। 1 जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2017 के दौरान 4120 आग लगने की घटनाएं घटी थीं। इसमें 56 महिलाएं और 142 पुरुष झुलस गए थे, तो वहीं 18 महिलाएं और 37 पुरुषों की मौत हुई थी। 26 दिसंबर 2017 को कमला मिल्स कंपाउंड में स्थित दो पब में जो अग्निकांड हुआ था, वह बड़ी घटना थी। इस अग्निकांड में 14 लोग मारे गए थे, जबकि 60 से ज्यादा लोग झुलस गए थे। उसके दूसरे दिन 27 दिसंबर की शाम मुंबई के चेंबूर इलाके के तिलक नगर स्थित सरगम सोसायटी की 14वीं मंजिल पर भी आग लगी थी, जिसमें 4 बुजुर्गों समेत 5 लोगों की मौत हो गई थी। 23 दिसंबर 2017 को ही कांदिवली में एक गोदाम में आग लगने से चार लोगों की मौत हो गई थी | उससे पहले 17 दिसंबर को अंधेरी इलाके में एक अस्पताल में आग लगने से 9 लोगों की मौत हो गई थी।
मिली जानकारी के अनुसार इससे पहले साल 2016 में आगजनी की 3679 घटनाएं हुई थीं। इस हादसे में 141 लोग (48 महिलाएं और 93 पुरुष) झुलस गए थे, जबकि 29 लोगों (13 महिलाएं और 16 पुरुषों) की मौत हुई थी। साल 2015 में आगजनी की 3043 घटनाएं हुई थीं। इस हादसे में 188 लोग (102 महिलाएं और 86 पुरुष) झुलस गए थे, जबकि 43 लोगों (10 महिलाएं और 33 पुरुषों) की मौत हुई थी। इसी तरह, साल 2014 में आगजनी की 3333 घटनाएं हुई थीं। इस हादसे में 176 लोग (69 महिलाएं और 107 पुरुष) झुलस गए थे, जबकि 17 लोगों (06 महिलाएं और 11 पुरुषों) की मौत हुई थी। साल 2013 में भी आगजनी की 3350 घटनाएं हुई थीं। इस हादसे में 252 लोग (82 महिलाएं और 170 पुरुष) झुलस गए थे, जबकि 40 लोगों (14 महिलाएं और 26 पुरुषों) की मौत हुई थी।