10 साल बाद फिर चुनाव में आमने-सामने होंगे गुर्जर व नागर
फरीदाबाद, 14 अप्रैल (हि.स.)। राजनीति में अक्सर संयोग देखे जाते रहे है और फरीदाबाद में भी एक बार फिर दिलचस्प संयोग बना है। कांग्रेस प्रत्याशी ललित नागर व भाजपा प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर 10 साल बाद एक बार फिर चुनावों में आमने सामने होंगे। इससे पहले यह दोनों दिगगज 2009 के विधानसभा चुनाव में आमने-सामने रहे थे, उस दौरान कृष्णपाल गुर्जर ने बाजी मार ली थी। दरअसल वर्ष 2005 से कांग्रेसी नेता शमशेर सिंह सुरजेवाला ने ललित नागर को कांग्रेस के किसान सैल का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया था। इसके बाद ललित नागर ने 2009 में भाजपा के कृष्णपाल गुर्जर के सामने कांग्रेस की टिकट पर तिगांव विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और मात्र 509 वोटों से ललित नागर चुनाव हार गए थे। फिर भी वह राजनीति में पूरी तरह सक्रिय रहे और वर्ष 2014 में कांग्रेस ने टिकट लाने में कामयाब रहे और इस बार उनका मुकाबला भाजपा नेता राजेश नागर से हुआ। इस चुनाव में भाजपा और मोदी लहर के बावजूद भाजपा प्रत्याशी राजेश नागर को ललित नागर ने 2938 वोटों से शिकस्त दी। इस चुनाव में जहां 2,25811 मतदाताओं में से 1,48,171 मतदाताओं ने मतदान किया, जिसमें ललित नागर को 55,408 वोट मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी राजेश नागर को 52,470 वोट मिले। हालांकि जीत का मार्जन मात्र 2938 वोट था लेकिन मोदी लहर के बावजूद जीत हासिल करना उस वक्त ललित नागर की बड़ी उपलब्धि माना गया। ललित नागर की जीत इसलिए भी अह्म रही क्योंकि तिगांव विधानसभा क्षेत्र कृष्णपाल गुर्जर की राजनीतिक विरासत का गढ़ माना जाता है और सांसद बनने के बाद वे इस सीट से अपने बेटे देवेंद्र चौधरी के लिए टिकट मांग रहे थे परंतु भाजपा ने परिवारवाद की नीति न अपनाते हुए कृष्णपाल के बेटे को टिकट नहीं दिया और भाजपा नेता राजेश नागर को टिकट मिली। अब 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में ललित नागर कृष्णपाल गुर्जर के सामने होंगे। वैसे भी नागर अक्सर कृष्णपाल गुर्जर व उनके मामा द्वारा शहर में किए जा रहे अनैतिक कार्याे को लेकर अक्सर आवाज उठाते रहे है। फरीदाबाद में लोकसभा का यह चुनाव और भी दिलचस्प हो गया है क्योंकि एक तरफ जहां राजनीति का अच्छा अनुभव रखने वाले केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर है तो दूसरी तरफ युवा छवि के तेज तर्रार नेता ललित नागर है, इनमें से कौन किसको पराजित करेगा, यह तो भविष्य के गर्भ में है।